केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को जारी आंकडों में बताया कि मौजूदा वर्ष के अक्टूबर में विनिर्मित उत्पादों की कीमतें बढ़ने के कारण थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर में 1.48 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। जबकि सितंबर 2020 में थोक मूल्य मुद्रास्फीति 1.32 प्रतिशत पर और पिछले साल अक्टूबर में यह शून्य पर थी।
आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2020 के बाद यह थोक मुद्रास्फीति का सबसे ऊंचा स्तर है। फरवरी में यह 2.26 प्रतिशत पर थी।
अक्टूबर 2020 में खाद्य वस्तुओं के दाम घटे, जबकि इस दौरान विनिर्मित उत्पाद महंगे हुए। अक्टूबर में खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 6.37 प्रतिशत रह गई। सितंबर में यह 8.17 प्रतिशत के स्तर पर थी। आलोच्य माह में सब्जियों के दाम में 25.23 प्रतिशत और आलू में 107.70 प्रतिशत वृद्धि हुई।
फिर भड़की मंहगाई की आग, प्याज और टमाटर के दाम आसमान पर
गैर-खाद्य वस्तुओं के दाम 2.85 प्रतिशत और खनिजों के दाम 9.11 प्रतिशत बढ़ गए। अक्टूबर में विनिर्मित उत्पाद 2.12 प्रतिशत महंगे हुए। इसी माह ईंधन और बिजली के दाम 10.95 प्रतिशत घट गए।