कानपुर। एक वर्ष पहले धूमधाम से कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन में शुरू की गई स्लीपिंग पॉड व्यवस्था ने दम तोड़ दिया है। यात्रियों की बेरूखी से घाटे में चल रही कंपनी ने आखिरकार शहर में अपना परिचालन बंद कर दिखा है।
गौरतलब है कि उत्तर मध्य रेलवे ने ने पिछले साल सितंबर में स्लीपिंग पॉड योजना बनाई थी। इसके तहत प्रयागराज के बाद कानपुर सेंट्रल स्टेशन के कैंट साइड पर दूसरे खंड पर स्लीपिंग पॉड संचालित करने का निर्णय लिया गया था। टेंडर भरे गए और एक कंपनी से अनुबंध कर शुरू किया गया। शुरुआत में यहां सिर्फ 38 पॉड थे लेकिन इसका विस्तार करयह संख्या 70 कर दी गई। अब एक साल बाद ही यात्री कम आने से कंपनी को घाटा होने लगा तो उसने इन्हें संचालित करने से हाथ खींच लिया। इस पर रेलवे ने दोनों कमरों में ताले लटका दिए। इससे पहले प्रयागराज में ये सुविधा शुरू की गई थी लेकिन वहां भी अब यह बंद है।
कानपुर सेन्ट्रल के डिप्टी सीटीएम व डायरेक्टर आशुतोष सिंह ने बताया कि स्लीपिंग पॉड फिर से संचालित करने के लिए डिवीजन से टेंडर प्रक्रिया फिर शुरू की जा रही है। इसमें नई कंपनी का चयन किया जाएगा। उम्मीद है कि तीन माह बाद इसका संचालन फिर शुरू हो सकेगा।
यह थी सुविधा
6 फुट के स्लीपिंग पॉड में सिंगल, डबल और परिवार के चार लोग के लिए रुकने की सुविधा थी। इनमें एक घंटा का किराया डेढ़ सौ, तीन घंटे का साढ़े तीन सौ और 24 घंटे का 1400 रुपये रखा गया था। ये एक कैप्सूल की तरह होता था जिसमें एसी, फ्री वार्डफाई, डिजिटल लाइट, चार्जिंग पॉइंट, मिरर की सुविधा मिलती थी। सुरक्षा के लिए आग प्रतिरोधी सामग्री का उपयोग किया गया था।
नहीं भाया कैप्सूल, यात्रियों को चाहिए कमरा
नयी तकनीकि के साथ आने वाले इन कैप्सूल नुमा पॉड की तरफ शुरूआत में तो यात्रियों ने अपना रुझान दिखाया, लेकिन में बाद में कम जगह के कारण उन्होंने पारंपरिक तरीका, होटल में कमरा लेना ही उचित समझाा। जिसके चलते परिचालन करने वाली कंपनी घाटे में आ गयी।



