मिहींपुरवा (बहराइच):- मिहीपुरवा के नयापुरवा गाँव में रात को बाड़े में बंद की गई 70 भेड़ें गुरुवार को सुबह मृत पाई गईं। एक साथ भेड़ों की सामूहिक रूप से हुई मौत की वजह का पता नहीं चल सका है।
पशु चिकित्सकों का कहना है कि इस समय पशुओं की कोई बीमारी भी नहीं फैली है। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत का पता चल सकेगा। इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप की स्थिति है।
मिहींपुरवा के नयापुरवा मजरे में कई ग्रामीण भेड़ पालन को अपना मुख्य व्यवसाय बनाए हुए हैं। जिनमें बिफई तथा खुशीराम पाल पुत्रगण अमरीका पाल अपनी लगभग 70 भेड़ों को एक साथ बाड़े में रखते थे। बुधवार की रात भेड़ पालक अपनी भेड़ों को बाड़े में बांधकर घर में सोने चले गए । गुरुवार को सुबह जब भेड़ों को चराने ले जाने के लिए बाड़े पर पहुंचे तो देखा सभी भेड़ें मरी पड़ी हैं ।
एक साथ इतनी भेड़ों के मरने से भेड़ पालकों का करीब 4 लाख का नुकसान हुआ है। जिससे कारण भेड़ पालक रोने चिल्लाने लगे। उनकी आवाज सुनकर अन्य ग्रामीण भी इकट्ठा हो गए। भेड़ों की मौत के कारण ग्रामीणों में भी दहशत व्याप्त हो गई ।
ग्रामीणों ने बताया कि एक साथ इतनी भेड़ों का मरना गंभीर बात है यह पशुओं में फैली कोई बीमारी होने के साथ ही किसी प्राकृतिक आपदा की आहट भी हो सकती है। ग्रामीणों ने इसकी सूचना एसडीएम मिहींपुरवा बाबूराम व पशु चिकित्सक विनोद भार्गव को दी।
सूचना मिलते ही मिहींपुरवा के एसडीएम बाबूराम ने क्षेत्रीय लेखपाल को मौके पर भेजकर जांच के आदेश दिए । लेखपाल रवि वर्मा ने मौके पर पहुंच से ग्रामीणों के हुए नुकसान की सूची तैयार की। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कोई भी अग्रिम कार्यवाही सम्भव हो सकेगी।
पशु चिकित्सक विनोद भार्गव ने बताया कि एक साथ इतनी भेड़ों की मौत को लेकर ग्रामीण बेवजह परेशान न हों। इस समय पशुओं में कोई बीमारी नहीं फैली है।
रिपोर्ट गौरव शुक्ला