छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के नक्सली आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। पैसों की कमी को पूरा करने के लिए अब नकली नोट छापना शुरू कर दिया है। इसके लिए संगठन के बड़े कैडर्स ने अपने लड़ाकों को नोट छापने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग भी दी है। पुलिस ने रविवार को तलाश अभियान के दौरान नक्सलियों द्वारा नकली नोट बनाये जाने की मशीन,नकली नोट के सैंपल, विस्फोटक और हथियारों को बरामद किया।
जिला पुलिस अधीक्षक किरण चौहान ने बताया कि नक्सलियों द्वारा नकली नोट छापकर खपाने की फिराक की सूचना मिलने पर जिला बल, जिला रिजर्व पुलिस बल बस्तर फाईटर एवं 50 वाहिनी केन्द्रीय सुरक्षा बल की संयुक्त पार्टी विशेष नक्सल गस्त सर्चिंग हेतु ग्राम मैलासूर, कोराजगुड़ा, दंतेशपुरम व आस-पास के क्षेत्र की ओर रवाना हुए। अभियान के दौरान सुरक्षा बलों के द्वारा जंगल-झाड़ियों में तलाश करते हुए आगे बढ़ रहे थे कि ग्राम कोराजगुड़ा के जंगल-पहाड़ी में नक्सली सुरक्षा बलों की गतिविधियों को देखकर जंगल-पहाड़ी का आड़ लेकर भागने में सफल हुए।
उन्होंने बताया कि घटना स्थल की सघन सर्चिंग करने पर अलग-अलग जगहों पर नक्सलियों द्वारा छिपाकर रखे गये नकली नोट बनाने का उपकरण, कलर प्रिंटर मशीन, इन्वर्टर मशीन, कलर इंक एवं 50, 100, 200 व 500 रुपये के नकली नोट के सैम्पल तथा भरमार बंदूक, वायरलेस सेट, मैग्जीन पोच, नक्सली काली वर्दी कपड़ा एवं भारी मात्रा में विस्फोटक सामाग्री बरामद किया गया।
श्री चौहान ने बताया कि भोलभाले आदिवासियों को धोखे में रखकर अंदरूनी क्षेत्रों के साप्ताहिक बाजारों में लम्बे समय से नकली नोट खपा रहे थे। जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 में बड़े नक्सली कैडरों के द्वारा प्रत्येक एरिया कमेटी के एक-एक नक्सली सदस्य को नकली नोट छापने का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण पश्चात् अपने-अपने एरिया कमेटी में प्रशिक्षित नक्सली द्वारा नकली नोट छापकर अंदरुनी क्षेत्रों के साप्ताहिक बाजारों में खपाया जा रहा था।