1 दिसंबर 2024 से लागू नई व्यवस्था के बीच जहाँ केस्को द्वारा किसी भी शिकायत एवं सहायता के लिए 1912 नंबर का प्रचार एवं प्रसार किया जा रहा है, वहीं उपभोक्ताओं द्वारा यह नंबर मिलाने पर दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में लग रहा है। जहाँ से केस्को की शिकायत दर्ज न करने की बात कह कर फोन रख दिया जाता है। जबकि केस्को का हेल्पलाइन नंबर 1912 की जगह 1800 1800 1912 है। ऐसे में जागरूकता के अभाव में कई उपभोक्ताओं को पहले ही दिन परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
उद्यमियों की सहमति के बिना लागू हुई व्यवस्था
1 दिसंबर से नई प्रणाली लागू होने के बाद न्यूजक्रांति ने उद्यमी संगठन आई.आई.ए, के अध्यक्ष दिनेश बरसिया से बातचीत कर राय जानना चाहा, तो उन्होंने कहा कि संभवतः नई प्रणाली सफल हो लेकिन इसमें व्यापारियों की बात नहीं सुनी गई है।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि नई कार्यप्रणाली लागू करने के संबंध में 11 नवंबर को विजय कपूर के साथ आईआईए, लघू उद्योग भारती, पीआईए, प्लास्टिक एवं दाल मिल संगठनों के प्रमुख ने केस्को एम डी के साथ मीटिंग कर उद्यमियों की समस्या बताई थी। उन्होंने कहा कि मीटिंग के दौरान केस्को एमडी ने उद्यमियों की सहमति के बाद ही नई प्रणाली लागू करने की बात कही थी। लेकिन बाद में केस्कों की तरफ से उद्यमियों से किसी भी प्रकार का सलाह मशविरा नहीं किया गया।
व्हाट्स एप ग्रुप हुए निष्क्रिय
आईआईए कानपुर के अध्यक्ष दिनेश बरसिया ने बताया कि पुरानी कार्य प्रणाली के दौरान केस्कों ने उद्यमियों के साथ एक व्हाट्सएप ग्रुप बना रखा था। जिससे रविवार के दिन होने वाली मेटीनेंस के लिए कटौती की पूर्व सूचना दे दी जाती थी। उसी आधार पर फैक्ट्री को खोलने या न खोलने की निर्णय लिया जाता था।
लेकिन नई प्रणाली में व्हाट्स एप ग्रुप निष्क्रिय होने के कारण कटौती का पहले से पता नहीं चल पायेगा, जिससे अनिश्चितता की संभावना बनी रहेगी।
फाल्ट सुधरने में लग सकती है देरी, जिससे होगा उत्पादन का नुकसान
उन्होनें जानकारी देते हुए बताया कि पुरानी प्रणाली के दौरान अगर कोई छोटी फाल्ट जैसे फ्यूज उड़ने जैसी समस्याओं का निवारण 5 मिनट तक में हो जाता था, जबकि नई प्रणाली समय लग सकता है।
15 दिन बाद लेंगे कोई फैसला
उन्होंने बताया कि अभी नई कार्यप्रणाली की उद्यमी समूह 15 दिनों तक समीक्षा करेंगे। आईआईए प्रमुख ने नई प्रणाली के बेहतर क्रियान्वयन की उम्मीद जताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नई कार्यप्रणाली में औद्योगिक क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर शिकायतों का निवारण किया जाये, जिससे उत्पादन को नुकसान न हो। 15 दिनों तक नई प्रणाली की समीक्षा होने के बाद कोई निर्णय लिया जायेगा।