कानपुर। मोतीझील लान नंबर 03 में चल रहा नेशनल हैंडलूम एक्सपो 2025 – गांधी बुनकर मेला इस सर्दी में कानपुरवासियों के लिए बड़ा आकर्षण बन गया है। 16 दिसंबर तक चलने वाला यह आयोजन भारत की पारंपरिक हथकरघा कला, बुनकरी परंपरा और विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक समृद्धि का अनोखा संगम प्रस्तुत कर रहा है। यह एक्सपो विकास आयुक्त हथकरघा, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार तथा आयुक्त एवं निदेशक, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।
एक्सपो के सहायक प्रभारी दीपक तिवारी ने बताया कि तमिलनाडु की महिला उद्यमी मुत्तू लक्ष्मी राधाकृष्णनन का स्टाल इस बार मेले का सबसे बड़ा आकर्षण बना हुआ है। स्टाल नंबर 15 पर प्रदर्शित समुद्री सीपियों से तैयार फैंसी उत्पाद आगंतुकों को चकित कर रहे हैं। खास बात यह है कि वह इन उत्पादों को एक्सपो स्थल पर ही बनाकर प्रदर्शित भी कर रही हैं। किफायती कीमत और उत्कृष्ट शिल्पकला की वजह से इस स्टाल पर दिनभर भारी भीड़ देखी जा रही है।
इसके अलावा उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से आए कारीगरों द्वारा तैयार किए गए ऊनी सदरी, कोट, मफलर और टोपियाँ इस गुलाबी सर्दी में लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं। स्टालधारकों का कहना है कि शहर में बढ़ती ठंड के साथ ऊनी वस्त्रों की बिक्री में तेजी आई है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर आयु वर्ग के लोग इन उत्पादों की खरीदारी कर रहे हैं।
एक्सपो में खाने-पीने के स्टॉलों की रौनक भी आगंतुकों के उत्साह को बढ़ा रही है। हर दिन बड़ी संख्या में लोग परिवार सहित मेले का आनंद लेने पहुंच रहे हैं। स्टालधारकों के अनुसार, आज की भीड़ उम्मीद से कहीं अधिक रही, जिससे बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है।
कारीगरों ने कहा कि कानपुर का क्राफ्ट-लविंग दर्शकवर्ग हमेशा से उनके लिए प्रेरणा स्रोत रहा है और उनके हस्तशिल्प उत्पादों को यहां बेहतरीन प्रतिक्रिया मिलती है।