कानपुर नगर।
शीतलहर और घने कोहरे की बढ़ती तीव्रता को देखते हुए जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में राहत एवं बचाव कार्यों की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में निराश्रित, कमजोर एवं असहाय वर्ग के लिए रैन बसेरों के संचालन, सड़क सुरक्षा और विभिन्न विभागों की जिम्मेदारियों पर विस्तृत चर्चा हुई।
रैन बसेरों के निरीक्षण व व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश
डीएम ने सभी उपजिलाधिकारी (SDM), अपर नगर मजिस्ट्रेट, तहसीलदार एवं नगर निगम अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि अपने-अपने क्षेत्र के रैन बसेरों का स्थलीय निरीक्षण अनिवार्य रूप से करें। उन्होंने कहा कि हर रैन बसेरे में—
- पानी
- बिजली
- कम्बल
- शौचालय
- चार्जिंग प्वाइंट
जैसी मूलभूत सुविधाएँ पूर्ण रूप से उपलब्ध हों।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी अधिकारी दो दिनों के भीतर फोटोयुक्त डिजिटल डायरी बनाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। हर रैन बसेरे में कम्प्लेंट रजिस्टर अनिवार्य रूप से रखा जाए तथा मुख्य द्वार पर संचालक का नाम और मोबाइल नंबर बड़े बोर्ड पर प्रदर्शित हों।
डीएम ने विशेष रूप से कहा कि—
- महिला रैन बसेरों में केवल महिला संचालिका ही तैनात की जाए
- किसी भी रैन बसेरे में शुल्क न लिया जाए
- शुल्क लेने पर संबंधित के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी
रैन बसेरों का GIS/Geo-Tagging अनिवार्य
डीएम ने ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर को निर्देशित किया कि जनपद के सभी रैन बसेरों की जियो-टैगिंग समयबद्ध रूप से सुनिश्चित की जाए।
रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और चौराहों पर सूचना बोर्ड
सभी एसडीएम को निर्देश दिए गए कि जनपद के:
- रेलवे स्टेशन
- बस अड्डे
- प्रमुख चौराहे
- अस्पताल
के पास ऐसे बोर्ड लगाए जाएँ जिनमें निकटतम रैन बसेरे की दूरी, क्षमता और महिला/पुरुष की व्यवस्था से संबंधित पूरी जानकारी दर्ज हो, ताकि जरूरतमंदों को तुरंत सहायता मिल सके।
पशु आश्रयों में ठंड से बचाव की व्यवस्था
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि सभी अस्थायी गौवंश आश्रय स्थलों में—
- बिछावन
- तिरपाल
- पानी
- चारा
जैसी व्यवस्था ठंड से बचाव हेतु पूर्ण रूप से सुनिश्चित रहे।
परिवहन, एनएचएआई और लोक निर्माण विभाग पर कड़े निर्देश
जिलाधिकारी ने कहा कि शीतलहर में किसी भी प्रकार की विभागीय लापरवाही होने पर दुर्घटना की स्थिति में संबंधित अधिकारी की सीधी जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाएगी।
एनएचएआई को निर्देशित किया गया—
- मैपिंग
- रोड रिफ्लेक्टर
- बैरिकेडिंग
- एम्बुलेंस वाहनों की उपलब्धता
- डिपार्टमेंट अपनी सड़कों पर इन सभी मानकों को सुनिश्चित करे।
साथ ही परिवहन, PWD और अन्य विभागों को निर्देश दिया गया कि कोहरे के दौरान सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए—
- सड़क मरम्मत
- मानक अनुसार रंग-रोगन
- रोड सर्फेस मार्किंग
- जेब्रा क्रॉसिंग पेंटिंग
- नवनिर्मित सड़कों पर बैरिकेडिंग
जैसे सभी जरूरी कार्य तेजी से पूरे किए जाएँ।
जन-जागरूकता अभियान तेज किया जाए
स्वास्थ्य, कृषि, पशुपालन, अग्निशमन और शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए कि शीतलहर से बचाव संबंधी सरकारी योजनाओं को लागू करते हुए जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए।
बैठक में एडीएम विवेक चतुर्वेदी, सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं आपदा विशेषज्ञ जुगबीर सिंह उपस्थित रहे।