नयी दिल्ली। दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कोरोना महामारी के मामलों के बीच जहाँ एक ओर दिल्ली सरकार राज्य के कुछ भीड़भाड वाले बाजारों को बंद करने का विचार कर रही है। वहीं भाजपा ने इसका विरोध करते हुए कहा कि अगर बाजार दोबारा बंद किये गये तो व्यापारियों को भारी नुकसान होगा।
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कोरोना को काबू करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के राजधानी के कुछ बाजारों को बंद करने संबंधी प्रस्ताव को लेकर कहा है कि इससे कोरोना महामारी को रोकने में कोई खास मदद नहीं मिलेगी।
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बिधूड़ी ने मंगलवार को कहा कि केजरीवाल सरकार को चाहिए कि वह बाजारों के प्रवेश द्वारों पर उन कर्मचारियों को तैनात करे जो बाजार में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की थर्मल स्कैनर से उनके शरीर के तापमान की जांच करे, उन्हें सेनेटाइजर उपलब्ध कराएं, जिनके पास मास्क न हो तो, उन्हें मास्क दें और सोशल डिस्टेनसिंग के नियमों का कड़ाई से पालन कराते हुए ही उनको बाजार में प्रवेश की अनुमति दे। ऐसा करने से कोरोना के विस्तार पर बहुत हद तक रोक लगाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश द्वारों पर कर्मचारी तैनात हैं जो प्रत्येक यात्री के शरीर तापमान की जांच करते हैं और उन्हें तथा उनके समान को सेनेटाइज करने के बाद ही स्टेशन में प्रवेश की अनुमति देते हैं।
नेता विपक्ष ने कहा कि यदि केजरीवाल सरकार कुछ बाजारों को बंद करने का निर्णय करती है तो राजधानी के दूसरे बाजारों में भीड़ बढ़ेगी और उनमें कोरोना के विस्तार की आशंका भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यह भी नहीं भूलना चाहिए कि इन बाजारों में दिल्ली के हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। यदि बाजार बंद किये गए तो बड़ी संख्या में व्यापारियों और कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इसके साथ- साथ विभिन्न दुकानों में नौकरी करने वाले हजारों लोगों का रोजगार भी प्रभावित होगा।
बिधूड़ी ने दिल्ली सरकार के उस प्रस्ताव का स्वागत किया है जिसमें शादी समारोह में शामिल होने वालों की अधिकतम संख्या 200 से घटाकर 50 करने की बात कही गई है।
वार्ता