कानपुर नगर। परिषदीय विद्यालयों के लिए शनिवार का दिन कुछ अलग रहा। बच्चे रोज़ की तरह स्कूल तो पहुँचे, लेकिन न उनके कंधों पर बैग था, न हाथों में कॉपी-किताब। कक्षा में न होमवर्क, न क्लासवर्क पर सीखने का उत्साह पहले से कहीं ज्यादा। बैगलेस डे के अंतर्गत बच्चों ने मिट्टी, रंग और कागज़ से कल्पनाओं की दुनिया रच दी।
उच्च प्राथमिक विद्यालय नसिरापुर,बिल्हौर में बैगलेस डे का शुभारंभ
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने किया। जैसे ही वे कक्षाओं में पहुँचे, बच्चों की गतिविधियों ने सबका ध्यान खींच लिया। प्रियांशु और सृष्टि ने मिट्टी से सुंदर गणेश प्रतिमा बनाई, वैष्णवी और अर्पिता ने शिवलिंग का रूप दिया, जबकि अंकुर और रौनक ने रंगीन पतंगें तैयार कीं। विद्यालय परिसर कौशल, कला और उत्साह का जीवंत चित्र बन गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों में सीखने का जो आनंद दिखा, वही बैगलेस डे की सफलता है। कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों ने मीना मंच के तहत आकर्षक नाट्य प्रस्तुति दी। कशिश, सिमरन, वैष्णवी, मानसी और लहर ने जेंडर इक्वालिटी पर संदेश दिया, जबकि अर्पिता ने साथियों को साइबर फ्रॉड से बचाव की जानकारी दी। छात्रों ने सेल्फ डिफेंस का पाठ भी पढ़ा।
शासन के निर्देशानुसार नवंबर का तीसरा-चौथा शनिवार, दिसंबर के सभी शनिवार, जनवरी का तीसरा-चौथा और फरवरी का पहला-दूसरा शनिवार बैगलेस डे के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान बच्चों के लिए ऑनलाइन लर्निंग, आत्मरक्षा प्रशिक्षण, आर्ट-एंड-क्राफ्ट, स्टोरी-टेलिंग और अन्य गतिविधियाँ विद्यालयों में आकर्षण का केंद्र रहेंगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि बैगलेस डे, जिसे ‘पोषित आनंदम’ के रूप में मनाया जा रहा है, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका उद्देश्य बच्चों को पुस्तकीय ज्ञान से आगे बढ़ाकर प्रकृति, पर्यावरण, रचनात्मकता और जीवन कौशल से जोड़ना है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कई बार बच्चे ही नहीं, बड़े भी पेड़ों के नाम नहीं पहचानते। ऐसे में इस तरह की गतिविधियाँ बच्चों में जिज्ञासा बढ़ाती हैं और सीखने को आनंदपूर्ण बनाती हैं।
विद्यालय में की गई व्यवस्थाओं की जिलाधिकारी ने सराहना की। प्रधानाध्यापक पंकज कटियार और सभी शिक्षकों की टीम द्वारा तैयार किए गए माहौल ने बैगलेस डे को बच्चों के लिए यादगार बना दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि आनंदमय वातावरण में मिली ऐसी सीख बच्चों को न केवल आत्मविश्वासी बनाती है, बल्कि जीवन के प्रति उनकी समझ को भी गहरा करती है। इस दौरान बीएसए सुरजीत कुमार सिंह, खण्ड शिक्षा अधिकारी, बिल्हौर मौजूद थे।