कानपुर के मोतीझील लॉन नंबर 3 में रविवार को नेशनल हैंडलूम एक्सपो–2025 “गांधी बुनकर मेला” का भव्य शुभारंभ हुआ। यह आयोजन विकास आयुक्त हथकरघा, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के प्रायोजन में तथा आयुक्त एवं निदेशक, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग उत्तर प्रदेश के सहयोग से संपन्न हो रहा है। एक्सपो का औपचारिक उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान द्वारा किया गया। यह मेला आगामी 16 दिसंबर तक चलेगा।
देशभर से आए बुनकर – 80 स्टॉलों में समृद्ध परंपरा का प्रदर्शन
एक्सपो में देश के 10 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश से आए बुनकरों और शिल्पकारों ने अपने उत्कृष्ट हस्तनिर्मित उत्पादों के साथ लगभग 80 स्टॉल लगाए हैं। यहां उत्तर प्रदेश के वाराणसी, मऊ, आज़मगढ़, सीतापुर, बाराबंकी, कानपुर, मुरादाबाद, मेरठ और झांसी से लाई गई साड़ियां, सलवार सूट, दुपट्टे, दरी, स्टोल और कई विशेष उत्पाद लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।
प्रदेश से बाहर से—
- जम्मू–कश्मीर की पश्मीना शॉल, फिरेन और शूट
- हिमाचल व उत्तराखंड के ऊनी उत्पाद
- तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश की साउथ सिल्क
- पश्चिम बंगाल की कांथा व जामदानी
- राजस्थान की बंधनी और लहरिया
जैसे लोकप्रिय हस्तशिल्प भी विशेष आकर्षण बने हुए हैं।
“बुनकरी परंपरा का सम्मान”—मंत्री राकेश सचान
उद्घाटन समारोह में मंत्री राकेश सचान ने कहा कि यह नेशनल हैंडलूम एक्सपो भारतीय बुनकरी की पुरखों से चली आ रही परंपरा को सम्मान देता है। उन्होंने कहा कि हथकरघा बुनकर केवल कला के संरक्षक नहीं, बल्कि देश की आर्थिक समृद्धि के महत्वपूर्ण स्तंभ भी हैं।
उन्होंने बताया कि बुनकरों द्वारा निर्मित उत्पाद देश के साथ-साथ विदेशों में भी सराहे जाते हैं और निर्यात के माध्यम से विदेशी मुद्रा अर्जित करने में योगदान देते हैं।
मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपेक्षा के अनुसार यह मेला बुनकर सहकारी समितियों को सशक्त बनाने, हथकरघा उद्योग को नई दिशा देने और गांवों में आजीविका अवसर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
साथ ही उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अधिक संख्या में पहुंचकर बुनकरों का उत्साह बढ़ाएं और स्थानीय कारीगरों की आर्थिक स्थिति सुधारने में सहयोग करें।