रायसेन(मध्य प्रदेश) :- जो भी पांच लोग एक महा से जिस भी मस्जिद में नमाज अदा कर रहे थे वहीं 5 लोग उन मस्जिदों में ईद उल फितर की नमाज अदा करेंगे. बाकी जिले भर के लोग ईद उल फितर की नमाज अपने अपने घरों पर ही अदा करेंगे
रायसेन काॅरोना वायरस जैसी महामारी से भारत सहित दुनिया भर के लोग परेशान हैं। लाॅक डाऊन की वजह से सभी प्रदेशों में भुखमरी बेरोज़गारी का संकट बना हुआ है ऐसे हालात में मुसलमान धूमधाम से ईद उल फितर कैसे मना सकते हैं? मुसलमानों से अपील है कि वह सादगी से फ़िज़ीकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ईद की नमाज़ की रस्म अपने मोहल्लों की मस्जिदों मे 5 लोग ही जुमा की नमाज की तरह सुविधानुसार अदा करें। के सभी मुसलमानों से अपील की गई है जिसमें कहा गया है कि काॅरोना वायरस की वजह से इस वक़्त पूरी दुनियां के इंसान परेशान हैं हजारों लोग इस बीमारी की चपेट में आकर दुनिया ही छोड़ चुके हैं और अभी भी न जाने कितने लोग मौत ओर ज़िन्दगी की जंग लड़ रहे हैं। और इसी तरह लाॅक डाऊन की वजह से बेशुमार लोग भुखमरी और बैरोज़गारी का शिकार हो रहे हैं हर तरफ़ सड़कों पर इंसानी तबाही का ख़तरनाक मंज़र दिखाई दे रहा है। ऐसे में हम और आप ईद की ख़ुशियां नए कपड़े ख़रीद कर और धूमधाम से कैसे मना सकते हैं? वैसे भी मुसलमानों की असली ईद तो रमज़ान के पूरे रोज़े रखकर और साफ़ सुथरे कपड़े पहन कर दो रकाअत-ईद-उल-फ़ितर वाजिब की नमाज़ अदा करके अपने रब को राज़ी करने का नाम है। कितने दिन हो गए मुसलमान मस्जिदों में पांचों वक्त की नमाज़ें और जुमा की नमाज़ तरावीह पढ़ने तक से भी मेहरूम हैं। ईद की नमाज तक की परमिशन नहीं है। अब आप ग़ौर करें जब ईद उल फितर की नमाज़ हर साल की तरह के तहत पढ़ने से ही मेहरूम हैं तो फ़िर ईद की ख़ुशी और धूमधाम कैसी? ऐसे हालात में हमारी क़ौम से अपील है कि सब्र के साथ सादगी भरे अंदाज़ में ईद उल फितर मनायें और अपने रिश्तेदारों, पड़ौसियों, ग़रीबों, मोहताजों, ज़रूरतमंदों का ख़्याल रखें उनकी इमदाद करते रहें।
ख़ास तौर पर अल्लाह पाक की बारगाह में सभी मुसलमान तौबा अस्तगफ़ार करें। और ध्यान रखें भीड़-भाड़ से बचें। और बाज़ारोें में फ़िजूल की ख़रीदारी के लिए बिलकुल भी नहीं जाऐं। और सादगी से ईद मनाकर इत्तेहाद का सबूत पेश करें। **
रिपोर्ट राकेश मालवीय