कानपुर। कोरोना वायरस से बचने के लिए देशभर में एक बार फिर से लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है, जिसका सख्ती से पालन कराए जाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद कर पीएम मोदी ने ये फैसला लिया है।
सबको सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करना है, परंतु कई ऐसे भी भाजपाई नेता है जो पीएम मोदी और सीएम योगी के आदेशों को मुंह चिढ़ाने का काम कर रहे हैं। पीएम मोदी और सीएम योगी सोशल डिस्टेंस बनाए रखने का सब से निवेदन कर रहे हैं। लेकिन छपास के रोग से पीड़ित इन भाजपाइयों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से मजाक बना कर रख दिया है।
30-35 आलू को बांटने के लिए करीब 25- 30 भाजपाई सोशल डिस्टेंसिंग को दरकिनार करते हुए झुंड में इकट्ठा होकर फोटो सेशन करवा कर मीडिया और अखबारों में छपने के लिए कोरोना वायरस जैसे गंभीर महामारी को न्योता देने से भी पीछे नहीं हटे।दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी से आग्रह किया है
हमारे देश का कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोए। इसी क्रम में भाजपाइयों के अलावा कई सामाजिक संगठन व संस्थाएं भोजन व राशन वितरण कर रहे हैं। हां वह बात अलग है कई राजनीतिज्ञ 50 पैकेट बाँट कर 500 पैकेट बांटने का गुणगान करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात का सम्मान करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने कानपुर के भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी के साथ राशन व सब्जी वितरण करने का फोटो सेशन कुछ इस अंदाज में किया कि 30- 35 आलू करीब 25- 30 भाजपाइयों ने मिलकर बांटे।
इसे आप भाजपाइयों की एकता कहें या फिर पीएम मोदी के आदेश की अवहेलना। लेकिन कहीं ना कहीं मीडिया के गलियारों में एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गए हैं कानपुर के भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी। उनके साथ कई भाजपाई भी छपने के और फोटो सेशन के लालच में आकर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेहनत पर पानी फेर कर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं।
बताते चलें जितने शौक से सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी के साथ फोटो खिंचवा के सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक बना कर आलू बांट रहे हैं। उतनी ही उत्सुकता के साथ यदि सभी अलग-अलग दिशाओं में अकेले भूखे को भोजन कराने गए होते तो शायद आज शहर का गरीब तबके का व्यक्ति भूख से कराह ना रहा होता।
फिलहाल सांसद सत्यदेव पचौरी के साथ खिंचवाई गई यह फोटो मीडिया की सुर्खियों में आ गई है। ऐसे में सवाल यह भी खड़ा होता है कि क्या सांसद पर कोई कार्यवाही की जाएगी? इतना ही नही अगर सांसद ऐसा करेंगे तो आम जनमानस से क्या उम्मीद की जाए?
- रिपोर्ट – कौस्तुभ शंकर मिश्रा