कोरोना वायरस जैसी संक्रमित महामारी ने अपने देश के साथ-साथ विश्व के हर देशों को प्रभावित कर रखा है ! शिक्षा का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रह गया है, इसी परिप्रेक्ष्य में आज जूम एप पर ऑनलाइन एक परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसका विषय ‘कोरोना वायरस का शिक्षा पर प्रभाव’ था! परिचर्चा में मुख्य विशेषज्ञ के रूप में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अशोक कुमार , दीनदयाल शोध केंद्र के निदेशक डॉ श्याम बाबू गुप्ता और चीफ काउंसलर डॉ सुधांशु राय उपस्थित रहे !
प्रोफेसर अशोक कुमार ने कहा कि उन्होंने अपने लेखों में कोरोनावायरस की उत्पत्ति और उसके कारणों पर बताया है और उनका कहना है इस आकस्मिक परिस्थिति में यदि लॉक डाउन की अवधि बढ़ती है तो हमें ऑनलाइन प्रणाली के साथ-साथ फाइनल ईयर के छात्रों के लिए विशेष रुप से सोचते हुए रणनीति बनानी चाहिए और सेमेस्टर के छात्र छात्राओं को उनके पिछले रिकॉर्ड पर आगे बढ़ाने पर विचार करना चाहिए ! उन्होंने लॉग डॉन खुलने के उपरांत पर अपना विचार रखा की मार्केट में सभी वर्ग जैसे सीनियर सिटीजन महिलाएं इत्यादि के लिए एक निश्चित दिन या समय सीमा निर्धारित हो जिससे हम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवा सकें!
दीनदयाल शोध केंद्र के निदेशक डॉ श्याम बाबू गुप्ता ने सभी शिक्षकों और छात्र छात्राओं को समाज के प्रति अपना उत्तरदायित्व का निर्वहन करने पर बल दिया इस समय सभी शिक्षक छात्र छात्राओं के साथ अपना संवाद बनाए रखें जिससे छात्रों में किसी प्रकार की उदासीनता ना आ पाए !
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चीफ काउंसलर डॉ सुधांशु राय ने विशेष रुप से लॉक डाउन समाप्त होने के उपरांत की परिस्थिति पर जोर दिया और कहा उस समय हमको और समाज के हर व्यक्ति को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है , हम पिछले कई दिनों से जिन निर्देशों का पालन कर अभ्यस्त हो चुके हैं उसे ही हमें लॉक डाउन खुलने के बाद पूर्ण रूप से अपनाना होगा , उन्होंने कहा हमें निरंतर परिचर्चा करके नए विचारों के साथ नई रणनीतियों को बनाते रहना होगा! परिचर्चा का संचालन डॉ राजीव मिश्रा द्वारा किया गया!