केंद्रीय एमएसएमई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि सरकार वित्तीय सहायता के संदर्भ में लघु उद्योग इकाइयों का समर्थन करने के लिए नए वित्तीय ऋण संस्थानों पर विचार कर रही है। श्री गडकरी ने कहा कि सरकार एनबीएफसी को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है जिससे आने वाले समय में छोटे व्यवसायों को आसानी से ऋण प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
श्री गडकरी एमएसएमई पर कोविड-19 के प्रभाव तथा इस चुनौती से निपटने के लिए किए गए उपायों पर कलकत्ता चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों की एक बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
सदस्यों को संबोधित करते हुए श्री गडकरी ने दोहराया कि आज का समय कठिनाईयों से भरा है क्योंकि हम कोविड-19 महामारी के साथ-साथ इसके कारण होने वाली आर्थिक अस्थिरता से मुकाबला कर रहे हैं। उन्होंने सभी हितधारकों से मिलकर काम करने का अनुरोध किया और उद्योग को इस संकट से निपटने के लिए सकारात्मक रुख बनाए रखने का आग्रह किया।
मंत्री श्री गडकरी ने पीपीई (मास्क, सैनिटाइजर आदि) के उपयोग पर भी जोर दिया और व्यक्तिगत जीवन तथा कार्यस्थलों पर सामाजिक दूरी के नियमों के पालन करने की सलाह दी।
उन्होंने विशेष आर्थिक पैकेज – आत्मनिर्भर भारत अभियान के बारे में प्रतिनिधियों को जानकारी दी और एमएसएमई के लिए घोषित विभिन्न उपायों की व्याख्या की। इन उपायों में शामिल हैं – गारंटी मुक्त स्वचालित ऋण, संकट निधि आदि। उन्होंने कहा कि ये सभी उपाय, वर्तमान आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए एमएसएमई को आवश्यक समर्थन प्रदान करेंगे। ।
मंत्री ने बताया कि मार्च 2020 तक 6 लाख एमएसएमई का पुनर्गठन हो चुका है और मंत्रालय ने दिसंबर 2020 तक अतिरिक्त 25 लाख को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि निर्यात में एमएसएमई का वर्तमान योगदान 48 प्रतिशत है, जिसे 60 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में एमएसएमई के माध्यम से 11 करोड़ नौकरियां सृजित हुई हैं और अतिरिक्त 5 करोड़ नौकरियों का सृजन किया जाना है।
केंद्रीय मंत्री ने उल्लेख किया कि निर्यात वृद्धि की ओर विशेष ध्यान देना समय की मांग है। उन्होंने आगे कहा कि आर्थिक रूप से लाभ की स्थिति में रहने के लिए उत्पादन, लोजिस्टिक्स आदि पर लागत को कम करने की आवश्यकता है। मंत्री ने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय पिछले तीन साल के निर्यात और आयात के बारे में विवरणों को कवर करने के लिए दो पुस्तिकाओं को प्रकाशित करने पर काम कर रहा है।
बैठक के दौरान पूछे गए प्रश्नों और दिए गए सुझावों में शामिल हैं: विलंबित भुगतान के मुद्दे पर – एमएसएमई को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है; एमएसएमई को सहायता प्रदान करने और उन्हें एनपीए बनने से बचाने के लिए ब्याज में 4 प्रतिशत की छूट दी जानी चाहिए, प्रस्तावित उपायों को लागू करने के लिए बैंकों को किस प्रकार प्रोत्साहित किया जा सकता है आदि।