भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटीके) ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के सहयोग से आई आई टी कानपुर परिसर में अगली पीढ़ी की रक्षा प्रौद्योगिकियों में अंतःविषय अनुसंधान के लिए डीआरडीओ-उद्योग-अकादमिया उत्कृष्टता केंद्र (डीआईए सीओई) की स्थापना की है।
यह देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में डीआरडीओ द्वारा स्थापित डीआईए सीओई के अनुरूप है, जिसके माध्यम से यह विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिकों के प्रयासों के साथ, अनुभवी संकाय और प्रतिभाशाली विद्वानों के माध्यम से शैक्षणिक वातावरण में प्रौद्योगिकी विकास की सुविधा के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहा है।
यह नया केंद्र प्रारंभ में कुछ खास क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास क्षेत्रों में केंद्रित अनुसंधान का नेतृत्व करेगा, जिसमें महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों के लिए पतली फिल्मों पर उपकरणों और प्रणालियों के निर्माण के लिए फ्लेक्सिबल सबस्ट्रेट्स पर प्रिंटिंग ; सामग्री चयन और डिजाइन में मौलिक योगदान प्रदान करने के लिए उन्नत नैनोमटेरियल्स; उच्च थ्रूपुट प्रयोगों के माध्यम से इष्टतम समाधान तक पहुंचने के साथ-साथ वास्तविक परीक्षण प्रयोगों की संख्या को कम करने के लिए त्वरित सामग्री डिजाइन और विकास; उच्च प्रदर्शन वाले विस्फोटकों के मॉडलिंग और धातुयुक्त विस्फोटकों के प्रदर्शन की भविष्यवाणी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उच्च ऊर्जा सामग्री; और खतरनाक अपशिष्ट को पहचानने से लेकर घाव भरने तक के अनुप्रयोगों के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए बायो-इंजीनियरिंग शामिल हैं ।
मसूरी में प्रौद्योगिकी प्रबंधन संस्थान के पूर्व निदेशक श्री संजय टंडन, आईआईटी कानपुर में डीआईए सीओई के निदेशक के रूप में कार्य कर रहे हैं, जो इसकी महत्वपूर्ण पहल और सहयोगात्मक प्रयासों की देखरेख करते हैं। डीआरडीओ इस परियोजनाओं को वित्त पोषित करेगा और पहचाने गए कार्यक्षेत्रों के तहत अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों को सक्षम बनाने और बढ़ावा देने के लिए आवश्यक प्रमुख तकनीकी सुविधाएं और आधुनिक बुनियादी ढांचे की स्थापना करेगा।
आईआईटी कानपुर में डीआईए सीओई की स्थापना की यात्रा 2022 में गांधीनगर में Def-Expo-2022 के दौरान हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से शुरू हुई। आईआईटी कानपुर में डीआईए सीओई का उद्घाटन रक्षा डॉ. समीर वी कामत, सचिव, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग और अध्यक्ष, डीआरडीओ और आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मनिन्द्र अग्रवाल ने संयुक्त रूप से डॉ. सुब्रत रक्षित, डीएस और महानिदेशक (प्रौद्योगिकी प्रबंधन),
प्रो. तरुण गुप्ता, डीन, आर एंड डी, आईआईटी कानपुर, श्री संजय टंडन, निदेशक डीआईए सीओई, आईआईटी कानपुर, प्रोफेसर कांतेश बलानी, पीआई डीआईए सीओई आईआईटीके, श्री एलसी मंगल, ओएस और निदेशक डील (DEAL), डॉ. मयंक द्विवेदी, ओएस और निदेशक डीएमएसआरडीई, और डॉ. एन रंजना, ओएस और निदेशक, फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट की उपस्थिति में किया।
इस कार्यक्रम में आईआईटी कानपुर के अनुसंधान समन्वयकों, डीआरडीओ लैब्स के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और आईआईटी कानपुर के संकाय सदस्यों की उपस्थिति रही ।
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मनिन्द्र अग्रवाल ने सहयोगात्मक प्रयास के महत्व पर जोर दिया और कहा, “बदलते समय के साथ, सही अर्थों में आत्मनिर्भर भारत बनने के लिए रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की उन्नति की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है।
इसके लिए डीआरडीओ, शिक्षा जगत और उद्योग जगत को मिलकर काम करना होगा। डीआरडीओ द्वारा उद्योग अकादमी उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना इस दिशा में एक उपयुक्त कदम है। लचीले इलेक्ट्रॉनिक्स, नैनोमटेरियल्स, सामग्री विज्ञान और इंजीनियरिंग, उच्च ऊर्जा और बायोइंजीनियरिंग में मजबूत अनुसंधान एवं विकास विशेषज्ञता और अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ, आईआईटी कानपुर इस सहयोगात्मक प्रयास में योगदान देने के लिए तैयार है। मैं पूरी टीम को हार्दिक बधाई देता हूं और डीआईए सीओई आईआईटी कानपुर की सफलता की कामना करता हूं।”