नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कृषि सुधार से जुड़े कानूनों को चुनौती देने वाली एक वकील की याचिका गुरुवार को पुनर्स्थापित (रिस्टोर) कर दी।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा की दलीलें सुनने के बाद याचिका को पुनर्स्थापित करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति बोबडे ने सुनवाई के बाद आदेश जारी करते हुए कहा,’याचिका को रिस्टोर किया जाता है और इसकी सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी।’
याचिकाकर्ता की दलील थी कि तकनीकी खराबी के कारण वह पिछली सुनवाई के दौरान अपना पक्ष नहीं रख सके थे और उनकी याचिका बिना सुने ही खारिज कर दी गई थी। इसी के मद्देनजर उन्होने याचिका रिस्टोर करने का न्यायालय से अनुरोध किया है।
मनोहर लाल शर्मा ने सुनवाई के दौरान दलील दी कि उनकी याचिका में कृषि बिल पर कानूनी सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘ मेरा कानूनी सवाल सिर्फ यह है कि क्या संसद को इस तरह के कानून पारित करने का अधिकार है? ‘
इन्पुट – यूनीवार्ता