कानपुर। भीषण मोदी—योगी लहर के बाद भी जीत कर आने वाले समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी के लिए 22 मार्च का दिन इंसाफ का दिन साबित होगा। अगर उन्हें आगजनी मामले से बरी कर दिया जाता है तो ऐसे में बीते 2 वर्षों से जेल में बंद होने के कारण वे और बड़े और मजबूत नेता के रूप में उभर कर सामने आ सकते है, जबकि अगर उन्हें सजा होती है तो यह उनके राजनीतिक जीवन का अंत भी साबित हो सकती है।
हालांकि आगजनी मामले में सपा विधायक इरफान सोंलकी पर फैसला आज ही आना था, लेकिन ऐन वक्त पर स्पेशल जज एमपीएमएलए के छुट्टी पर होने के चलते फैसला टल गया। पुलिस के सभी इंतजाम बेहद सख्त थे।
जेल में रखा है रोजा, हाथ में कुरान ले कर आये कोर्ट
इरफान सोंलकी के वकील करीम सिद्दीकी ने बताया कि अब कोर्ट ने फैसले की अगली डेट 22 मार्च दी है। इरफान, भाई रिजवान के साथ सभी आरोपी आज कोर्ट में पेश हुए हैं। महाराजगंज जेल से मंगलवार सुबह पुलिस वैन में सपा विधायक को कानपुर की कोर्ट लाया गया। वैन से उतरते ही इरफान ने अपने समर्थकों का हाल हिलाकर अभिवादन किया। हाथ में कुरआन ले उतरे। कुरआन चूमी और मीडिया किसी सवाल का जवाब दिए बिना बोले-दुआ में याद रखना। सपा विधायक इरफान सोलंकी इन दिनों रोजा रख रहे हैं।
केस में फैसले और चुनाव को देखते हुए कानपुर में हाई अलर्ट रहा। पुलिस ने सुबह कोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी। पूरा परिसर पुलिस फोर्स से भरा रहा। इरफान सोंलकी का जिन धाराओं में मुकदमे का ट्रायल हुआ है उसमें आजीवन कारावास तक की सजा है।
कानपुर में मोदी लहर में भी समाजवादी पार्टी की जीत का झंडा सीसामऊ विधानसभा में फहराने वाले विधायक इरफान सोलंकी के लिए मंगलवार का दिन उनके भाग्य का फैसला करेगा। इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी समेत अन्य के खिलाफ कानपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट मंगलवार को आगजनी केस में फैसला सुना सकती है।
मोबाइल सीडीआर और लोकेशन बन सकती है संजीवनी
आपको बता दें कि आगजनी केस में जाजमऊ में विधायक इरफान सोलंकी के पड़ोस में रहने वाली महिला नजीर फातिमा ने विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान समेत अन्य के खिलाफ प्लॉट पर ने अस्थाई घर को फूंकने का आरोप लगाते हुए 8 नवंबर 2022 को जाजमऊ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
विधायक और उनके भाई पर जो मुकदमा दर्ज है उसमें विधायक द्वारा अपने साथियों संग मिलकर आग लगाने के कई गवाह पुलिस ने साक्ष्य के तौर पर पेश किये थे लेकिन मोबाइल सीडीआर और लोकेशन में पुलिस मात खा गयी थी। अब 22 का दिन अहम होगा। अगर इस मामले में विधायक के खिलाफ फैसला आया तो उन्हें कम से कम दस साल के लिये अंदर जाना पड़ेगा। इसी के साथ उनकी विधायकी भी चली जायगी।