नागपंचमी का पर्व 25 जुलाई को श्रावण शुक्ल पंचमी को रवियोग में मनाया जाएगा। रवि योग में नागदेवता की पूजा आराधना करने से कर्ज मुक्ति, स्वास्थ्य और सर्जरी के कार्य का बेहतर लाभ मिलता है। साथ ही विभिन्न प्रकार के दोष अपने आप ही खत्म हो जाते हैं।
ज्योतिषाचार्य पवन तिवारी के अनुसार इस बार श्रावण शुक्ल पंचमी शनिवार को है, साथ ही चंद्रमा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से पूरे समय रहेगा। इसके चलते रवियोग का निर्माण हो रहा है। जिसकी कुंडली में राहु, केतु के साथ सूर्य बैठा हो, अथवा ग्रहण योग, कर्ज योग आदि होते हैं तो वह नागपंचमी पर रवियोग में पूजा आराधना कर नाग नागिन के जोड़े को जंगल में सपेरों से मुक्त कराए।
गोशाला में गायों के लिए चारा दान करें। इससे जातक की कुडंली में राहु, केतु की पीड़ा, ग्रहण दोष, कर्ज मुक्ति आदि परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।
नागों का है भगवान शिव से गहरा नाता
सनातन धर्म में सांपों का भगवान शिव से गहरा नाता बताया गया है। भगवान शिव के गले की नागदेवता शोभा बढ़ाते हैं तो भगवान विष्णु की शेषशैया भी नाग देवता की है। सावन मास के देवता भगवान शिव माने जाते हैं। इस समय वर्षा के कारण जमीन के अंदर बिलों में रहने वाले सांप भी निकलकर बाहर आ जाते हैं।
बाहर निकलकर आने वाले नाग किसी का अहित नहीं करें अथवा इंसानों द्वारा नागों का अहित नहीं हो, इसके लिए भी नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन आमजन नागदेवता की पूजा आराधना करते हैं, जिससे उनके मन भी नागों के प्रति भक्तिभाव जागृत होता है।
ज्योतिष में इसलिए खास है नागपंचमी पूजा
नागपंचमी में धार्मिक और सामाजिक महत्व के साथ ही ज्योतिष में भी नागपंचमी का महत्व है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली में योगों के साथ दोषों को भी देखा जाता है। इसमें कालसर्प दोष बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कालसर्प दोष के साथ ग्रहण दोष, श्राप दोष, राहु, केतु की पीड़ा के लिए भी हमेशा नागपंचमी पर नागदेवता की पूजा के साथ दान दक्षिणा का सर्वाधिक महत्व हैं।
शिवलिंग में होता है साक्षात शिव का वास
सावन का महीना पूर्ण रूप से शिवजी को समर्पित होता है और सावन के महीने का प्रमुख त्योहार है नाग पंचमी। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से शंकरजी भी प्रसन्न होते हैं। सावन के महीने के कृष्ण पक्ष की पंचमी और शुक्ल पक्ष की पंचमी दोनों दिन नागपंचमी मनाई जाती है। नागपंचमी के दिन राशि के अनुसार भी आप पूजा और उपाय करके राहु केतु एवं कालसर्प के अशुभ प्रभाव को दूर कर शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं।
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए बताया गया है कि जो लोग राहु ग्रह से पीड़ित हैं और जिनकी कुंडली में राहु ग्रह खराब है, वे लोग नांगपचमी पर रुद्राष्टाधायी का पाठ कर सकते हैं। यह उपाय करने से मेष राशि के जातकों को राहु की पीड़ा से मुक्ति मिल सकती है।
वृष
वृष राशि के जातकों को राहु के प्रभाव को दूर करने के लिए नागपंचमी से शुरू करके लगातार 40 दिन तक एक तांबे का टुकड़ा बहुत हुए जल में रोजाना प्रवाहित करें। इससे आपकी आपके ऊपर से राहु के प्रभाव कम होंगे।
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए नाग पंचमी का अवसर अपने ऊपर से ग्रहों के अशुभ प्रभाव दूर करने के लिए बेहद खास होता है। आप नागपंचमी से शुरू करके लगातार 40 दिन किसी कुष्ठ रोगी को मूली दान करें तो आपके ऊपर से राहु की पीड़ा समाप्त हो सकती है।
कर्क
यदि आपकी राशि कर्क है तो आपको नागपंचमी से शुरू करके लगातार 8 शनिवार तक बहते हुए जल में शीशा या फिर नारियल बहते हुए जल में प्रवाहित करना चाहिए। ऐसा करने से कर्क राशि के जातकों को राहु के प्रभाव से मुक्ति मिलेगी।
सिंह
यदि आपकी राशि सिंह है तो आपको नागपंचमी के दिन और नागपंचमी के बाद आने वाले शनिवार को एक नारियल और 4 साबुत बादाम लेकर उसे लाल कपड़े में बांधकर कहीं जमीन में गड्डा करके दबा देना चाहिए। ऐसा करने से आपके ऊपर से अशुभ ग्रह का प्रभाव खत्म होगा।
कन्या
कन्या राशि के लोग जो किसी वजह से मानसिक पीड़ा को झेल रहे हैं उन्हें नागपंचमी के दिन से लेकर 6 बुधवार तक 10 ग्राम धनिया किसी गरीब को दान देना चाहिए। यह उपाय आपके मानसिक कष्टों को दूर करके आपके जीवन में खुशहाली लेकर आएगा।
तुला
तुला राशि के लोग जिनके घर में सुख समृद्धि का अभाव है उनके लिए नागपंचमी का यह विशेष उपाय बहुत कारगर सिद्ध हो सकता है। नागपंचमी से एक दिन पहले रात को सोते समय अपने सिरहाने जौ के कुछ दाने रखें। नागपंचमी के दिन सुबह उठकर उन जौ के दानों को पक्षियों को डाल दें। आपके घर से दरिद्रता का नाश होकर भाग्य चमक उठेगा।
वृश्चिक
अगर इस राशि के लोग बेरोजगारी से परेशान हैं तो नागपंचमी का यह उपाय उनके काम आ सकता है। नागपंचमी के दिन आपकी राशि वालों को गणेशजी की पूजा करनी चाहिए। गणेशजी को पीले फूल और लड्डुओं का भोग लगाएं। इस दिन आप चाहें तो अपने घर में पीले रंग के फूलों वाला पौधा भी लगा सकते हैं। इस उपाय से आपको रोजगार प्राप्ति की दिशा में सफलता मिलने लगेगी।
धनु
इस राशि के लोग अगर शनि की दशा को झेल रहे हैं तो उनके लिए यह उपाय विशेष है। वे लोग नागपंचमी के बाद मंगलवार और शनिवार के दिन आटे को भूनकर उसमें चीनी मिलाकर उसे चींटियों को ले जाकर कहीं खिलाएं। इस उपाय को करने से आपके शनिदोष में कुछ कमी आएगी। वहीं शनिदेव आपकी गरीबी दूर करके आपका घर खुशियों से भर देंगे।
मकर
मकर राशि के लोग मेहनती तो बहुत होते हैं, लेकिन इन्हें अपनी मेहनत का फल अधिक नहीं मिलता है। इस वजह से इनकी आर्थिक स्थिति कमजोर रहती है। ये लोग नागपंचमी के दिन से 11 शनिवार को तिल और जौ का दान करें। इस उपाय को करने से आपकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
कुंभ
कुंभ राशि वाले जिनके स्वास्थ्य में परेशानी बनी रहती है, उन्हें नागपंचमी के दिन यह विशेष उपाय आजमाना चाहिए। आपको नागपंचमी के दिन बहते जल में 100 ग्राम कोयला डालकर प्रवाहित कर देना चाहिए। ऐसा करने से आपके राशि स्वामी शनिदेव आपकी बीमारियों को दूर करके आपको समृद्ध बनाएंगे।
मीन
मीन राशि वाले जिनके घर में किसी वजह से क्लेश अधिक रहता है। वे लोग नागपंचमी के दिन अपने दाएं हाथ में अष्टधातु का कड़ा पहनें तो उनके घर में क्लेश दूर होकर सुख शांति स्थापित होगी। अगर प्रेमी प्रेमिका भी अपने संबंधों को खुशहाल बनाना चाहते हैं तो वे भी यह उपाय कर सकते हैं।