Kanpur Metro ने आज एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए कॉरिडोर-1 (IIT से नौबस्ता ) के अंडरग्राउंड सेक्शन का टनल निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया है। लगभग 8.60 किमी लंबे इस भूमिगत सेक्शन के अंतिम हिस्से – झकरकटी से कानपुर सेंट्रल तक – पर ‘विद्यार्थी’ टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) ने ‘डाउन-लाइन’ पर अंतिम ब्रेकथ्रू प्राप्त किया। इस दौरान यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार एवं यूपीएमआरसी व कांट्रैक्टिंग एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इससे पहले, ‘आजाद’ टीबीएम मशीन द्वारा कानपुर सेंट्रल तक ‘अप-लाइन टनल’ का निर्माण कार्य 21 सितंबर 2025 को पूरा किया गया था। ‘विद्यार्थी’ टीबीएम मशीन के अंतिम ब्रेकथ्रू के साथ ही कानपुर सेंट्रल से नौबस्ता तक अंडरग्राउंड स्टेशनों (झकरकटी और ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन) से होते हुए मेट्रो के जाने का मार्ग पूरी तरह से खुल गया है।
झकरकटी से कानपुर सेंट्रल तक लगभग 950 मीटर लंबे टनल निर्माण की प्रक्रिया में कानपुर सेंट्रल स्टेशन के निकट लगभग 70 मीटर लंबे रेलवे ट्रैक क्षेत्र को पार करना एक बड़ी तकनीकी चुनौती थी, जिसे सटीक समन्वय, सावधानी और उच्च सतर्कता के साथ सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
वर्तमान में आईआईटी से कानपुर सेंट्रल मेट्रो स्टेशन तक मेट्रो ट्रेन का संचालन हो रहा है। ऐसे में विशेष योजना के तहत टीबीएम मशीन को टनल से बाहर लाने के लिए रिट्रीवल शाफ्ट का निर्माण स्टेशन बॉक्स क्षेत्र के बाहर ही किया गया, ताकि स्टेशन एवं टनल से जुड़े कार्य स्वतंत्र रूप से और बिना किसी बाधा के संपन्न किए जा सकें। आने वाले समय में कानपुर सेंट्रल से स्वदेशी कॉटन मिल रैंप तक अंडरग्राउंड सेक्शन के टनल में ट्रैक बिछाने एवं सिस्टम इंस्टॉलेशन का कार्य किया जाएगा।
4 टीबीएम मशीनों से पूरी हुई टनलिंग
लगभग 8.60 किमी लंबे कॉरिडोर-1 अंडरग्राउंड सेक्शन के टनल निर्माण में कुल 4 टीबीएम मशीनों; ’नाना’, ’तात्या’, ’आजाद’ और ’विद्यार्थी’ का प्रयोग हुआ। सबसे पहले ‘नाना‘ टीबीएम मशीन को 4 जुलाई 2022 को बड़ा चौराहा मेट्रो स्टेशन से नयागंज की दिशा में लॉन्च किया गया था। ‘नाना‘ और ‘तात्या‘ टीबीएम मशीनों ने नयागंज तक टनल का निर्माण पूरा करने के बाद चुन्नीगंज से बड़ा चौराहा के बीच और फिर 13 मार्च 2024 को मैकरॉबर्टगंज स्थित रैंप एरिया से चुन्नीगंज स्टेशन तक टनल का निर्माण पूरा किया।
दूसरी तरफ ‘आजाद‘ और ’विद्यार्थी’ टीबीएम मशीनों ने सबसे पहले कानपुर सेंट्रल से नयागंज की दिशा में टनल का निर्माण प्रारंभ किया। इसके बाद इन मशीनों को स्वदेशी कॉटन मिल के पास स्थित रैंप से लॉन्च किया गया, जहां से ये ट्रांसपोर्ट नगर और झकरकटी स्टेशन होते हुए आज कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक पहुंचीं। इस दौरान मशीनों को स्टेशनों के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचाने के लिए ’ड्रैगिंग प्रणाली’ का प्रयोग किया गया।

कॉरिडोर-1 के अंडरग्राउंड स्टेशन
कॉरिडोर-1 (आईआईटी-नौबस्ता) के लगभग 8.60 किमी लंबे भूमिगत सेक्शन में कुल 7 स्टेशन हैं – चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज, कानपुर सेंट्रल, झकरकटी और ट्रांसपोर्ट नगर। मैकरॉबर्टगंज रैंप से होते हुए कानपुर सेंट्रल तक यात्री सेवा प्रारंभ होने के बाद, शेष 2.40 किमी लंबे सेक्शन (कानपुर सेंट्रल से स्वदेशी कॉटन मिल रैंप तक) पर टनलिंग कार्य जारी था, जो आज सफलता पूर्वक पूर्ण कर लिया गया है।
वीर स्वतंत्रता सेनानियों से मिली प्रेरणा: एमडी सुशील कुमार
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लि. (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार ने कहा, “विद्यार्थी टीबीएम मशीन द्वारा आज कानपुर सेंट्रल में ब्रेकथ्रू प्राप्त करने के साथ ही कॉरिडोर-1 का समस्त टनल निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। यह न केवल यूपीएमआरसी बल्कि पूरे शहर के लिए अत्यंत गर्व का क्षण है। शहर के सबसे व्यस्त इलाकों के नीचे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी हमारी टीम ने सफलता हासिल की है। हमने इन मशीनों का नाम वीर स्वतंत्रता सेनानियों – नाना साहब पेशवा, तात्या टोपे, चंद्रशेखर आजाद और गणेश शंकर विद्यार्थी – के नाम पर रखा, जिनसे हमें निरंतर प्रेरणा मिलती रही। अत्याधुनिक टीबीएम मशीनों की सहायता से हमने यातायात को प्रभावित किए बिना सुरक्षित भूमिगत निर्माण संभव किया है। मुझे विश्वास है कि हमारी टीम आगे भी इसी समर्पण और निष्ठा से समयबद्ध तरीके से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेगी।”
गौरतलब है कि लगभग 24 किमी लंबे कॉरिडोर-1 (आईआईटी-नौबस्ता) में फिलहाल आईआईटी से कानपुर सेंट्रल तक 16 किमी लंबे सेक्शन पर यात्री सेवाएं संचालित हो रही हैं। कॉरिडोर-1 के बैलेंस सेक्शन (कानपुर सेंट्रल-नौबस्ता) और लगभग 8.60 किमी लंबे कॉरिडोर-2 (सीएसए-बर्रा-8) पर सिविल निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।