सोने में निवेश करना इस वक्त हर निवेशक की पहली पसंद बना हुआ है. सोने की कीमत आसमान छू रही है. हर चढ़ते दिन के साथ सोना की कीमत चढ़ रही है. चांदी भी बुलेट की रफ्तार से भाग रहा है. दीवाली से पहले सोना इतना तमतमाया हुआ है कि एक ही दिन में इसकी कीमत 1400 रुपये तक बढ़ गई है. वहीं चांदी डेढ़ के आंकड़े को छूने के लिए बेताब होकर भाग रहा है. फेस्टिव सीजन में सोना खरीदारों को खूब रुला रहा है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी MCX पर सोना एक दिन में 1400 रुपये चढ़ 119,522 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है. MCX पर आज चांदी की कीमत 147,675 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई.
सोने की कीमत में आ रही तेजी के पीछे कई फैक्टर्स जिम्मेदार है. अमेरिकी सरकार के टैरिफ ऐलान के चलते बाजार का सेंटीमेंट बिगड़ा है, जिसकी वजह से निवेशक शेयर बाजार से पैसा निकालकर सेफ हेवल यानी सोने में लगा रहे हैं. अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और ट्रेजरी यील्ड्स में गिरावट के चलते सोने को लेकर आकर्षण बढ़ा है. यूएस गवर्नमेंट के शटडाउन ने आर्थिक डेटा को प्रभावित किया है, जिसकी वजह से बाजार में अनिश्चितता बढ़ गई है और निवेशकों का फोकस सोने में बढ़ गया है. केंद्रीय बैंकों की ओर से ताबड़तोड़ सोने की खरीदारी हो रही है. निवेशक सोने में पैसा लगे रहे हैं. मांग में तेजी से कीमत में बढ़ोतरी हो रही है.
40 फीसदी पर गिर सकती है कीमतें
सोने की कीमत में जारी तेजी पर कई दिग्गज एक्सपर्ट मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में सोने की कीमत में बड़ी गिरावट आ सकती है. 23 सितंबर को एक इवेंट के दौरान दिग्गज इन्वेस्टमेंट फर्म जेपी मॉर्गन ने बड़ी चेतावनी दी थी. जेपी मॉर्गन के सीईओ जेमी डिमन ने सोने की मौजूदा कीमत को आर्थिक बुलबुला करार दिया और कहा कि ये बबल कभी भी फूट सकता है. उन्होंने कहा कि बाजार में सकारात्मक सेंटीमेंट बना है, जो सोने को ऊंचाईयों पर ले जा रहा है, लेकिन ये तेजी टिकाऊ नहीं है. उन्होंने अनुमान लगाया है कि सोने की मौजूदा कीमत में 40 फीसदी तक का करेक्शन हो सकता है. सोने की कीमत 40 फीसदी तक गिर सकती है. ICICI प्रूडेंशियल जैसे निवेश विशेषज्ञ ने भी सोने की कीमत में बड़ी गिरावट की संभावना जताई है. इतना ही नहीं Citi Research ने गोल्ड प्राइस में बड़े करेक्शन की संभावना जताई है. अपनी रिपोर्ट में सिटी ने कहा है कि नई ऊंचाई पर पहुंचने के बाद गोल्ड की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी.
सिटी रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक निवेश के लिहाज से सोने को लेकर आकर्षण कम हो सकता है. ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ के लिए भी संभावनाएं बेहतर होंगी, फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट में कमी करने का असर दिखेगा, जिसकी वजह से सोने की कीमत में गिरावट आ सकती है. जानकारों की माने तो शार्ट टर्म में सोने की कीमत में करेक्शन देखने को मिल सकता है. कमोडिटी एक्सपर्ट्स की माने को गोल्ड में काफी ज्यादा खरीदारी हुई है, अब कमजोर डिमांड से शॉर्ट टर्म में गोल्ड में गिरावट आ सकती है. वहीं दुनिया में अलग-अलग देशों के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं, जिसका असर भी सोने की कीमत पर पड़ेगा. कीमत बढ़ने से निवेश की डिमांड में कमी आ रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टेंशन कम होने से सोने की मांग कमी आएगी. वहीं एक्सपर्ट ये भी मानते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ पर नरमी रख सकते सकते हैं, जिसकी वजह से सोने की कीमत में गिरावट देखने को मिलेगी.