कानपुर। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को सरसैयाघाट स्थित नवीन सभागार में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ मतदेय स्थलों के संभाजन को लेकर बैठक आयोजित हुई। बैठक में विभिन्न दलों से प्राप्त आपत्तियों, सुझावों और क्षेत्रीय स्थितियों पर विस्तार से चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को सभी शिकायतों की गहन जांच कर समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए।
बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रत्येक मतदेय स्थल पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि संभाजन प्रक्रिया सिर्फ तकनीकी कार्य नहीं, बल्कि मतदाताओं की सुविधा की दिशा में अहम कदम है।
जिलाधिकारी ने कहा कि अत्यधिक पुराने या जर्जर भवनों में स्थापित मतदेय स्थलों को उसी मतदान क्षेत्र में उपलब्ध उपयुक्त भवन में स्थानांतरित किया जाए। जहां भवन उचित स्थिति में है और मतदाताओं को दो किलोमीटर से अधिक दूरी तय नहीं करनी पड़ती, वहां किसी परिवर्तन की आवश्यकता नहीं होगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी मतदेय स्थलों पर रैंप, पेयजल, शौचालय, प्रकाश व्यवस्था, संपर्क मार्ग जैसे न्यूनतम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मतदाताओं की सुविधा और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
बैठक में उपस्थित राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिए, जिन पर जिलाधिकारी ने गंभीरता से विचार कर संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ विवेक चतुर्वेदी, एसडीएम सदर/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अनुभव सिंह सहित विभिन्न अधिकारी एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे।