बिलासपुर में नवरात्र समाप्ति के बाद माँ दुर्गा जी के विसर्जन पर समिति वालो का कोतवाली पुलिस से आज विवाद हो गया।डीजे साउंड को बंद करने को लेकर आज कोतवाली चौक में बवाल मचा हुआ है।तेलीपारा नंदू गेरेज के पास स्थापित चंद्रशेखर आजाद दुर्गा उत्सव समिति की झांकी सबसे पहले निकली, जिसके साथ धुमाल टीम भी थी। इसे नियम विरुद्ध बताकर पुलिस ने धुमाल को जप्त कर लिया, इसके पीछे ही तेलीपारा अजीत होटल के पास की नवीन दुर्गा उत्सव समिति की झांकी भी पहुंच गई थी उसके पीछे नवीन बालक दुर्गा उत्सव समिति दरबार लॉज भी पहुंची। इनमें से किसी के आगे धुमाल तो किसी के आगे डीजे चल रही थी। इसे नियम उल्लंघन बताकर कोतवाली पुलिस ने कार्यवाही करते हुए डीजे और धुमाल को जप्त कर लिया, जिससे यहां लोगों की भीड़ लग गई। तीनों समितियों के सदस्यों की भीड़ को देखकर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दी , जिससे यहाँ भगदड़ मच गया। समिति के कार्यकर्ताओं को मार मार कर खदेड़ दिया गया, जिसके बाद तीनों दुर्गा प्रतिमाएं सड़क पर ही खड़ी रह
। मामला अभी तत्काल का ही है।
इसे लेकर लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। कोतवाली पुलिस की इस कार्यवाही को हिंदू आस्था पर प्रहार बताया जा रहा है । बताया तो यह भी जा रहा है कि मंगलवार शाम को ही क्षेत्र की कुछ समितियों ने पुलिस और प्रशासन की बात मानकर सादगी के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन किया था , जिन्होंने जब देखा कि तीन समितियां गाजे-बाजे के साथ विसर्जन यात्रा निकाल रही है तो उन्होंने कोतवाली पुलिस के सामने इस पर आपत्ति जताई जिसके बाद ही पुलिस ने यह कार्यवाही की।
वैसे सच तो यह है की नियम का पालन शुरू से ही नहीं किया गया। ना तो किसी भी दुर्गा पंडाल में सीसीटीवी कैमरे लगे थे, ना ही रजिस्टर में आने जाने वालों की एंट्री हुई, ना ही किसी का थर्मल टेस्ट हुआ और ना ही एक समय में 50 लोगों से अधिक इकट्ठा होने के नियम का पालन हुआ। इसलिए यह उम्मीद भी बेकार ही थी कि विसर्जन में भी नियम का पालन होगा। अभी भी स्थिती ठीक नही है ।
रिपोर्ट :- प्रकाश झा