अरबी गुलाम और दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरूल इस्लाम ने फेसबुक पर एक विवादित पोस्ट डाल कर खुद की जाहीलियत बयां कर दी। ये ऐसे किस्म के लोग है जिनके दिल में अरब और पाकिस्तान के लिए अथाह प्रेम है लेकिन जब इन्हे उन्ही देश में रहने के लिए कहा जाता है तो अत्याचार की कहानी रोने लगते है।
पढ़े जफरूल की विवादित फेसबुक पोस्ट
जफरूल की इस जाहिलियत भरी पोस्ट का भाजपा के अतिरिक्त किसी भी दल ने विरोध नहीं किया है। भाजपा ने जफरूल पर हमलावर होते जफरूल पर देश की छवि खराब करने का आरोप लगाया है।
भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने ट्विीटर पर जफरूल के खिलाफ मोर्चा संभालते हुए कहा कि जफरूल की चिट्टी हैरान करने वाली है। हिंदुस्तान के मुसलमान जितने सुरक्षित और आजाद हैं, वो दुनिया के लिए मिसाल है।
शहनवाज हुसैन के साथ ही बीजेपी प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री ने भी जफसरूल की इस जाहीलियत के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से जफरूल को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है।
ऐसे में सवाल उठता है कि केंद्र सरकार के लचीले रवैया का फायदा उठाकर दिन प्रतिदिन देशद्रोही ताकते मजबूती के साथ सिर उठा रही है। चाहे सीएए के खिलाफ पूरे देश में धर्मविशेष द्वारा दंगे फसाद किये गये। कोरोना के मामले में भी एक धर्मविशेष के लोगों ने पुलिस और डॉक्टरों पर जानलेवा हमले किये। इतना होने के बाद भी तुष्टीकरण की नींद में सो रही केंद्र सरकार पर कोई असर नहीं हो रहा है। तो देश को ऐसे लोगों को कब तक सहन करना पड़ेगा।