चेन्नई को 10 मैचों में सातवीं हार का सामना करना पड़ा और वह तालिका में आठवें स्थान पर खिसक गयी है। चेन्नई अब प्लेऑफ की होड़ से लगभग बाहर हो चुकी है और कोई चमत्कार ही उसे प्लेऑफ में पहुंचा सकता है।
अबु धाबी| चेन्नई सुपरकिंग्स को अपने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के 200वें मैच में निराशाजनक बल्लेबाजी के कारण राजस्थान रॉयल्स के हाथों सोमवार को सात विकेट से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। चेन्नई की उम्मीदों को इस हार से गहरा झटका लगा जबकि राजस्थान ने इस मनोबल बढ़ाने वाली जीत से अपनी उम्मीदों को कायम रखा।
राजस्थान ने अपने स्पिनरों के शानदार और कसे हुए प्रदर्शन से चेन्नई को 20 ओवर में पांच विकेट पर 125 रन का सामान्य स्कोर पर रोक दिया और फिर 17.3 ओवर में तीन विकेट पर 126 रन बनाकर एकतरफा जीत हासिल कर ली। राजस्थान की 10 मैचों में यह चौथी जीत है और वह आठ अंको के साथ पांचवें स्थान पर पहुंच गया है हालांकि प्लेऑफ के लिए अभी उसे बचे हुए चारों मैच जीतने होंगे।
चेन्नई के लिए छोटे स्कोर का बचाव करते हुए एक उम्मीद तब जगी थी जब उसने राजस्थान के तीन विकेट मात्र 28 रन तक गिरा दिए थे लेकिन कप्तान स्टीवन स्मिथ और जोस बटलर ने इसके बाद टिककर खेलते हुए राजस्थान को जीत की मंजिल पर पहुंच दिया। बटलर ने आक्रामक तेवरों के साथ खेलते हुए मात्र 48 गेंदों पर सात चौके और दो छक्के लगाकर नाबाद 70 रन ठोके और टीम को आसान जीत दिलाई।
स्मिथ धैर्य के साथ खेलते हुए 34 गेंदों पर दो चौकों की मदद से 26 रन बनाकर नाबाद रहे। बटलर और स्मिथ ने चौथे विकेट के लिए 98 रन की मैच विजयी अविजित साझेदारी की। बेन स्टोक्स 11 गेंदों में तीन चौकों की मदद से 19, रोबिन उथप्पा चार और संजू सैमसन खाता खोले बिना आउट हुए। लेकिन इसके बाद बटलर और स्मिथ ने चेन्नई को कोई और मौका नहीं दिया। दीपक चाहर ने दो और जोश हेजलवुड ने एक विकेट लिया।
धोनी के लिए व्यक्तिगत रूप से तो यह मैच उपलब्धि वाला रहा लेकिन टीम के लिहाज से निराशाजनक रहा। धोनी का आईपीएल में यह 200वां मैच था और यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी बने। धोनी ने अपनी 28 रन की पारी के दौरान चेन्नई की तरफ से खेलते हुए 4000 रन भी पूरे किये। उन्होंने राजस्थान की पारी में दो कैच लपके और आईपीएल में विकेट के पीछे 150 शिकार पूरे करने वाले पहले विकेटकीपर बने। लेकिन टीम की हार तीन बार के चैंपियन कप्तान के लिए निराशाजनक रही। धोनी ने आईपीएल में अपना पहला, 50वां ,100वां और 150वां मैच जीता था लेकिन 200वां मैच हार गए।
धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। चेन्नई की बल्लेबाजी इस मुकाबले में निराशाजनक रही। आलराउंडर रवींद्र जडेजा को छोड़कर अन्य कोई बल्लेबाज उल्लेखनीय योगदान नहीं दे सका। जडेजा ने 30 गेंदों में चार चौकों के सहारे नाबाद 35 रन बनाये। कप्तान धोनी अपने रिकॉर्ड मैच में 28 गेंदों में दो चौकों की मदद से 28 रन बनाकर रन आउट हो गए।