नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की शिकार युवती के परिजनों और गवाहों को त्रि-स्तरीय सुरक्षा दी गयी है, साथ ही गांव में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं।
राज्य सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय के समक्ष दायर ताजा हलफनामा में कहा गया है कि पीड़ित परिवार और गवाहों को तीन स्तरीय सुरक्षा दी गई है, इसके लिए पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। साथ ही गांव की सीमा के साथ जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि पीड़िता (19)के हाथरस जिले के चंदपा में रहने वाले परिजनों को पर्याप्त सुरक्षा दी जा रही है। इन परिजनों में पीड़ता के माता-पिता के अलावा दो भाई, एक भाभी और दादी शामिल हैं। राज्य के गृह विभाग के विशेष सचिव राजेन्द्र प्रताप सिंह की ओर से दायर हलफनामा में कहा गया है कि पीड़िता के गांव के मुहाने पर आठ सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं, जिनमें एक इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबल, चार कांस्टेबल और दो महिला कांस्टेबल शामिल हैं।
तीन स्तरीय होगी सुरक्षा
इसी तरह का फॉर्मेशन पीड़िता के घर के पास किया गया है, जबकि पीड़िता के घर के प्रवेश द्वार पर चौबीसों घंटे और सातों दिन दो सबइंस्पेक्टर को ड्यूटी पर लगाया गया है। घर के बाहर 15 सुरक्षाकर्मी कैम्प लगाये हुए हैं। हलफनामा में कहा गया है कि गवाहों के घर के बाहर पर दो पालियों में छह-छह सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं। पीड़िता के घर के आसपास आठ सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। आसपास के इलाकों को प्रकाशमान करने के लिए 10 से 12 लाइटें लगायी गयीं हैं। ये लाइटें पहले से लगी लाइटों के अलावा हैं।
शीर्ष अदालत हाथरस मामले पर अगली सुनवाई 15 अक्तूबर यानी गुरुवार को करेगी। गौरतलब है कि गत सुनवाई के दौरान न्यायालय ने राज्य सरकार से मुख्यतया तीन बातें पूछी थी, पहला- पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा के क्या इंतजाम किए गए हैं? क्या पीड़ित परिवार के पास पैरवी के लिए कोई वकील है? और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मुकदमे की क्या स्थिति है?
हलफनामा में कहा गया है कि पीड़िता के परिजनों की ओर से सीमा कुशवाहा केस लड़ रही हैं और उन्हें सरकारी वकील भी मुहैया कराया जायेगा। साथ ही, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने हाथरस मामले में अगली सुनवाई दो नवम्बर तक टाल दी है।
वार्ता