मौरंग लदे ट्रकों का बोझ, बिना डिवाइडर का राष्ट्रीय राजमार्ग, 2 लेन की सड़क, जब इन सभी चीजों को मिला दिया जाये तब बनता है कानपुर सागर राष्ट्रीय राजमार्ग। कहने को तो यह नेशनल हाईवे है, घाटमपुर के पास एक टोल गेट भी लगा दिया गया है, जिससे सरकार अच्छा खासा राजस्व वसूल करती है। लेकिन सुविधाओं के नाम पर निल बटे सन्नाटा है।
आये दिन दुर्घटना होना यहाँ पर आम है, जिससे लोगों की जान जाती रहती है। एक ताजा सड़क हादसे में यहाँ 3 होनहारों की मौत हो गई। जिसमें उनका गुनाह सिर्फ इतना कि वे भारत के ‘विश्व स्तरीय’ राजमार्गों में से एक कानपुर सागर राजमार्ग को साइकिल से पार कर रहे थे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक यहां पर तेज रफ्तार रोडवेज बस ने साइकिल सवार छात्रों को टक्कर मारते हुए कुचल दिया। हादसे में साइकिल सवार तीन छात्रों की मौत हुई है जिसके बाद रोडवेज बस अनियंत्रित होकर खाई में जा घुसी। गनीमत रहा की रोडवेज बस में सवार यात्री बाल बाल बच गए। सूचना पर पहुंची पुलिस अन्य घायलों की तलाश कर रही है।
कानपुर सागर राजमार्ग पर स्थित पतारा कस्बे के पास कानपुर से हमीरपुर की ओर जा रही हमीरपुर डिपो की तेज रफ्तार बस ने साइकिल सवार छात्रों को टक्कर मारते कुचल दिया। हादसे में साईकिल सवार तीन छात्रों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई है। तीनों की पहचान घाटमपुर थाना क्षेत्र के कुंवरपुर निवासी दीपक तिवारी, अंकुश प्रजापति पुत्र रामबाबू प्रजापति, मनीष कुमार सविता के रुप में हुई है। तीनों पॉलीटेक्निक के छात्र थे।
राहगीरों ने घटना की सूचना फोनकर पुलिस को दी। सूचना मिलते मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों छात्रों को पतारा सीएचसी भेजा है। वही ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर और छात्र हो सकते है जिसपर बंबा में पुलिस छात्रों की तलाश कर रही है। घटना की सूचना मिलते घाटमपुर इंस्पेटर प्रदीप कुमार सिंह घटनास्थल पर सर्किल फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस रोडवेज बस को किनारे करवाने का प्रयास कर रही है।
पुलिस ने पीएनसी की टीम को सूचना दी है। पुलिस के अनुसार रोडवेज बस में सभी लोग सुरक्षित हैं। सूचना पर तत्काल पुलिस फोर्स द्वारा मौके पर पहुंचकर तीनों बालकों के शव को सीएचसी पतारा भिजवाया गया है, मृतकों के परिजनों को सूचित कर दिया गया है, अन्य आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
हमेश लगा रहता है जाम, नहीं हुआ चौड़ीकरण
कानपुर सागर राजमार्ग मध्य प्रदेश के सागर से शुरू होकर कानपुर के अफीेम कोठी चौराहे तक जाता है। लेकिन इस राजमार्ग का सबसे खतरनाक 120 किलोमीटर का हिस्सा कबरई से कानपुर के नौबस्ता के गल्लामंडी तक का है।
इस हिस्से में मौरंग और गिट्टी भरे ट्रकों के कारण हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। वहीं डिवाइडर विहीन होने के कारण यहाँ पर दुर्घटना होना आम बात है। कबरई से अफीम कोठी तक के सफर में यह राजमार्ग 3 अन्य राजमार्गोंं से हो कर गुजरता है। जिसमें से हमीरपुर में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, कानपुर के नौबस्ता में इलाहाबाद—दिल्ली राजमार्ग और अफीम कोठी में कानपुर अलीगढ़ राजमार्ग मिलते है।
1 साल में हो चुकी है 300 से ज्यादा मौतें
एक प्रमुख अखबार के मुताबिक बीते एक साल में यहाँ पर विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में 300 से ज्यादा मौते हो चुकी है, जबकि हजारों लोग घायल हो चुके है। लगातार हो रही दुर्घटनाओं के देखते हुए यहाँ के स्थानीय समाजसेवी और जनप्रतिनिधि इस राजमार्ग को 4 लेन करने की मांग करते आ रहे है। लेकिन देखना होगा की और कितनी मौतों के बाद यहाँ के स्थानीय निवासियों को इस खूनी राजमार्ग के अभिशाप से छुटकारा मिल पायेगा।