गुना :- जिलाधीश कुमार पुरुषोत्तम जनकल्याण कारी जनहितेषी,योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। अस्पताल के बाद अब घर-घर स्वच्छ पानी पहुंचाने के प्रति भी गंभीर रुख अख्तियार किया है। जल प्रकोष्ठ प्रभारी जीके अग्रवाल को सीवर लाइनप्रोजेक्ट,वाटर सप्लाई कार्य में लापरवाही बरतने से दो वेतन वृद्धि रोकने कारण बताओ नोटिस दिया है।
90 करोड़ का काम भ्रष्टाचार की भेंट।
सूत्र बताते हैं कि सीवर लाइनप्रोजेक्ट में बहुत बड़ा गोलमाल हो रहा है, पूर्व में इसके रनिंग भुगतान की फाइल नपा प्रभारी डिप्टीकलेक्टर सिंडोसकर के पास पहुंची किंतु भुगतान नहीं हुआ।
सीएमओ का चार्ज हटाने के बाद पूर्व कलेक्टर विश्वनाथन के द्वारा एक करोड़ 85 लाख के काम की जांच हेतु नस्ती भेजी गई गुलाबगंज,गोपालपुरा,जिला चिकित्सालय एवं भार्गव कॉलोनी,नजूल कॉलोनी मैं बिछाई गई सीवर लाइन की जांच की गई।
घटिया गुणवत्ता विहीन कार्य को देखते हुए रनिंग भुगतान एक करोड़ 85 लाख मैं से 20% कटोत्रा कर नस्ती प्रस्तुत की गई किंतु भुगतान नहीं हुआ फिर अग्रवाल के द्वारा बड़े स्तर का कलेक्टर एस विश्वनाथन पर दबाव बनाया गया।
जिसके बाद 3 सदस्यों की कमेटी गठित कर जांच कराई गई जिसमें एडीएम जांगिड़ आईएएस,एवं एसडीएम चाचौड़ा समाधिया की संयुक्त रिपोर्ट के आधार 20% के बजाय 10% कम करते हुए रनिंग भुगतान कर दिया गया।
जनहितैषी योजनाओं में जिलाधीश निष्पक्ष जांच कराएं तो करोड़ों रुपए के विकास कार्य का असली चेहरा सामने आएगा,भ्रष्टाचार के चलते घटिया निर्माण कार्य के भुगतान दबाव बनाकर कराए जा रहे हैं।
रिपोर्ट इदरीस मंसूरी