शनि की साढ़े साती की दशा में जातक को प्रत्येक शनिवार को तेल का दान करें । तेल का दान करने के लिए एक लोहे की कटोरी में तेल लें और उस तेल में अपनी छायाचित्र देखकर उसका दान करें । और सभव साथ में तांबा भेट करना भी चाहिए ।
शनि की साढ़े साती से निवारण पाने के लिए जातक को काले घोड़े की नाल से बना छल्ला भी मध्यमा उंगली में धारण कर सकते हैं। या नाव के कील की अंगूठी भी जातक के लिए लाभप्रद होती है। यह छल्ला शनिवार के दिन धारण करना या पहन चाहिए। शनि की साढ़े साती की दशा में जातक को नंगे पैर श्री हनुमान मंदिर जाना चाहिए ।शनि की साढ़े साती की दशा में जातक को शराब, मीट, अण्डा आदि का सेवन न करें।
जातक को प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा या सुन्दरकाण्ड का पाठ करें या नित्य पाठ करना चाहिए।। हनुमानजी को सिन्दूर और चमेली का तेल अर्पित करें। शनि की साढ़े साती होने पर प्रत्येक शनिवार शनि मंत्र का जप करें । मंत्र- ‘ॐ शं शनैश्चराय नम:’। इस मंत्र का जप कम से कम 108 बार करना चाहिए ।
जातक को प्रत्येक शनिवार का व्रत करना चाहिए और शनिवार को दान देने से भी शनि की साढ़े साती के दौरान होने वाले कष्ट से शांति मिलती है। शनि देव से जुड़ी वस्तुएं जैसे काली उड़द की दाल, तिल, लौह, काले कपड़े आदि का दान देना चाहिए । जातक को शनि अमावस्या की रात्रि को शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए । जातक को शनि अमावस्या वाले दिन पीपल के पेड़ पर सात प्रकार का अनाज चढ़ा कर तेल का दीपक जलायें l शनि की साढ़े साती से मुक्ति पाने के लिए जातक को तिल व उड़द से बने पकवानों को गरीबों को खिलाने से शनि देव की शुभ कृपा बनी रहती है।
शनि की साढ़े साती से निवारण पाने के लिए जातक को अपने भोजन मे से एक रोटी अलग करके उसके तीन हिस्से करें, एक गाय को, एक कुत्ते को और एक कौओं को खिलाएॅ। शनि की साढ़े साती से मुक्ति पाने के लिए जातक को शनि अमावस्या के दिन सुन्दर काण्ड एंव हनुमानष्टक का पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होते है।
शनि की साढ़े साती को दूर करने के लिए जातक को महामृत्युंजय मंत्र का जाप रोज 108 बार करें । शनि की साढ़े साती को दूर करने के लिए जातक को मजदूर व अपाहिज को भोजन कराएॅ।