UPMRC की एक और उपलब्धि: मेट्रो वायाडक्ट निर्माण के लिए नौबस्ता चौराहे पर रखा गया स्टील बॉक्स गर्डर, किदवई नगर से वसंत विहार मेट्रो स्टेशन को जोड़ेगा
आज सुबह फ्लाईओवर के ऊपर ‘अप-लाइन’ और ‘डाउन लाइन’ पर रखे गए स्टील बॉक्स गर्डर्स के 30-30 मीटर के पहले सेग्मेंट्स; दोनों तरफ मेट्रो वायडक्ट से जोड़ने की प्रक्रिया एक से दो दिनों में होगी पूरी
बिना पिलर के दिल्ली कोलकाता हाइवे को पार करेगा 45 मीटर का स्पैन; कानपुर मेट्रो के कॉरिडोर-1 का तीसरा और अंतिम स्टील स्पैन, पहला गुरुदेव चौराहा दूसरा गर्डर सीसामऊ नाले पर रखा गया था।
कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-1 (आईआईटी- नौबस्ता) के अंतर्गत लगभग 5 किमी लंबे बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन का निर्माण कार्य तेज गति से जारी है। शुक्रवार और शनिवार के दरमियानी रात इस सेक्शन में नौबस्ता फ्लाईओवर के ऊपर स्टील स्पैन रखने की प्रक्रिया की शुरुआत की गई।फ्लाईओवर से लगभग 6 मीटर ऊपर ‘अप-लाइन’ और ‘डाउन लाइन’ पर दोनों स्टील बॉक्स गर्डर्स के पहले सेग्मेंट्स रखे गए। लगभग 30-30 मीटर के ये सेग्मेंट्स फ्लाईओवर के दोनों तरफ विशेष रूप से बनाई गई अस्थायी संरचना क्रिब्स पर रखे गए। आज और कल रात में स्टील बॉक्स गर्डर्स के इन पहले सेग्मेंट्स के दोनों छोरों पर एक-एक सेग्मेंट और जोड़े जाएंगे। प्रत्येक स्टील बॉक्स गर्डर के तीनों सेग्मेंट्स जुड़ जाने के बाद इनकी लंबाई 15 मीटर बढ़कर कुल 45 मीटर हो जाएगी और ये दोनों तरफ मेट्रो वायडक्ट से जुड़ जाएंगे।
बता दें कि कानपुर मेट्रो की अवसंरचना में वायडक्ट या मेट्रो ट्रैक को आधार देने वाले पुल के निर्माण के लिए यू-गर्डर या आई-गर्डर का प्रयोग किया जाता है। कानपुर मेट्रो के यू-गर्डर की औसत लम्बाई 27 मीटर होती है। नौबस्ता चौराहे के ऊपर फ्लाईओवर पड़ने
के कारण इतनी दूरी में यू-गर्डर या आई-गर्डर रखा जाना संभव नहीं था, जिस वजह से इस स्पैन में 45 मीटर लंबे ‘स्टील बॉक्स गर्डर्स’ का इस्तेमाल करने का फैसला किया गया। ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि ये गर्डर्स दोनों ‘अप-लाइन’ और ‘डाउन लाइन’ में तीन सेग्मेंट्स (भाग) में रखे जाने थे। आज सुबह दोनों लाइन के गर्डर्स के लगभग 30-30 मीटर लंबे पहले सेग्मेंट्स को इरेक्ट या परिस्थापित किया गया है। दो और सेग्मेंट्स जुड़ जाने पर दोनों स्टील बॉक्स गर्डर्स की लंबाई 45-45 मीटर हो जाएगी।
फ्लाईओवर के ऊपर स्टील बॉक्स गर्डर का परिनिर्माण काफी चुनौतिपूर्ण होता है। नीचे फ्लाईओवर होने की वजह से पूरे 45 मीटर लंबे स्टील बॉक्स गर्डर को एक साथ इरेक्ट करना संभव नहीं था। इसे ध्यान में रखते हुए गर्डर्स को तीन भागों में परिस्थापित करने की योजना बनाई गई। मेट्रो के इंजीनियरों ने पहले योजनाबद्ध ढंग से फ्लाईओवर के दोनों तरफ अस्थायी स्ट्रक्चर, क्रिब्स का निर्माण किया। निश्चित ऊंचाई, वजन सहने की क्षमता आदि सभी मानकों पर इन्हें परखने के बाद इरेक्शन की प्रक्रिया शुरू की गई। इसके लिए दोनों गर्डर्स के 30-30 मीटर लंबे पहले सेग्मेंट्स को फ्लाईओवर के ऊपर ट्रक से ले जाया गया। फ्लाईओवर के नीचे सड़क पर खड़ी दो क्रेनों की मदद से पूरी सतर्कता के साथ आपसी समन्वय और तालमेल से एक-एक करके दोनों लाइनों के ये सेग्मेंट्स क्रिब्स पर इरेक्ट किए गए। इस तरह से फ्लाईओवर के ऊपर स्टील बॉक्स गर्डर्स के पहले सेग्मेंट्स रखने का सबसे चुनौतिपूर्ण हिस्सा आज सुबह अंजाम दे दिया गया। अब आज और कल की रात में दोनों तरफ क्रिब्स से आगे एक-एक सेग्मेंट जोड़कर स्टील गर्डर को मेट्रो वायडक्ट से जोड़ दिया जाएगा।
इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार ने कहा कि, “बारादेवी-नौबस्ता सेक्शन में मेट्रो वायडक्ट को नौबस्ता चौराहे पर स्थित फ्लाईओवर के ऊपर से पार कराना अपने आप में एक इंजीनियरिंग मार्वल है। हमारे इंजीनियर्स ने इसके लिए सूक्ष्म से सूक्ष्म बारीकियों पर अमल किया। इरेक्शन के दौरान ट्रैफिक को कम से काम बाधित करते हुए पूरी सतर्कता बरती गई। मुझे खुशी है कि हमारी अनुभवी टीम योजनाबद्ध ढंग से इस प्रक्रिया के सबसे चुनौतिपूर्ण हिस्से को पूरा करने में सफल रही। इसके लिए यूपीएमआरसी और कांट्रैक्टिंग एजेंसी की पूरी टीम को बधाई। कानपुर मेट्रो ने इससे पहले प्रॉयोरिटी सेक्शन (आईआईटी – मोती झील) के निर्माण के दौरान रावतपुर तिराहे पर और इसी साल सीसामऊ नाले के ऊपर भी स्टील बॉक्स गर्डर का इरेक्शन (परिनिर्माण) किया है। इन उपलब्धियों से शहर के अंदर निर्बाध यातायात का सपना अब हकीकत के और नजदीक आ गया है।”
इससे पहले लखनऊ मेट्रो में भी अवध चौराहा, मवैया ब्रिज के लिए स्टील स्पान रखकर उत्तर प्रदेश मेट्रो ने इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया था। इन कार्यों में न्यूनतम ट्रैफिक अवरोध किया जाता है।
वर्तमान में कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-1 (आईआईटी से नौबस्ता) के अंतर्गत बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन के अलावा कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्ट नगर भूमिगत सेक्शन और चुन्नीगंज-नयागंज भूमिगत सेक्शन पर भी निर्माण कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है। कॉरिडोर -2 के रावतपुर-डबल पुलिया अंडरग्राउंड सेक्शन पर भी निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है।
जनसंपर्क विभाग
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि.