नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बैंकों की मासिक किस्त पर चक्रवृद्धि ब्याज पर रोक मामले में क्रेडिट कार्डधारकों को खरीदार करार देते हुए उन्हें छूट के लाभ से वंचित करने का गुरुवार को निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने लोन मोरेटोरियम से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि क्रेडिट कार्डधारक कर्जदार नहीं है, वे खरीदारी करते हैं, न कि कोई कर्ज लेते हैं। ऐसे में उन्हें चक्रवृद्धि ब्याज पर छूट का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए।
इस बीच केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने खंडपीठ के समक्ष निवेदन किया कि न्यायालय अब और किसी राहत की मांग पर विचार न करे, क्योंकि सरकार पहले ही इस मामले में काफी आगे बढ़कर पहल कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार संकटग्रस्त क्षेत्रों को हरसंभव मदद देने को तैयार है।
खंडपीठ में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम के मामले पर आखिरी सुनवाई 14 अक्टूबर को की थी। इस दौरान न्यायालय ने कहा था कि ब्याज पर ब्याज माफी योजना जल्द लागू किया जाना चाहिए। केंद्र ने इसके लिए 15 नवंबर तक का वक्त मांगा था।
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आज की सुनवाई के दौरान वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक की ओर से किए गए राहत के उपायों का ब्योरा तुषार मेहता ने खंडपीठ के समक्ष रखा।
इन्पुट – यूनीवार्ता