और फिर इस तरह से एक घटना पर दूसरी घटना पलटवार करती रही और कुल मिलाकर ये एक संपूर्ण घटनाक्रम बन गया। शुरू से शुरू करते हैं, बात 15 जून की है जब लद्दाख में भारत-चीन बॉर्डर पर चीनी सैनिकों से झड़प में हमारे 20 जवान शहीद हो गए। उस वक्त तक देश के हर न्यूज चैनल पर कोरोना से जंग हो रही थी लेकिन 16 जून को जैसे ही सैनिकों की शहादत की खबर आई, पूरी मीडिया ने कोरोना से लड़ने वाली अपनी-अपनी वैक्सीन पैंट की पिछली जेब में रखी और निकल पड़े चीन से युद्ध करने।
हर चैनल ने अपने अपने स्टूडियोज में तैनात कर दी मिसाइलें और तोपों के मुंह घुमा दिए चीन की तरफ। हर संपादक ने बांध लिया सिर पर कफन और युद्ध के मैदान रूपी स्टूडियो में एंकर्स ने पहन लीं बुलेट प्रूफ जैकेट।
उधर मोदी सरकार चीन से बातचीत के जरिए मामले को सुलझाने में जुटी थी और इधर मीडिया रोज 2-4 परमाणु बम चीन पर गिरा रही थी। चौबीसों घंटे हो रही भीषण युद्ध में चाइन लगातार मुंह की खा रहा था और बस हार से चंद किलोमीटर ही दूर था कि अचानक से कानपुर में एक सिरफिरे अपराधी ने 8 पुलिसकर्मियों की जान ले ली।
नाम तो आप जानते ही होंगे? हां हां वहीं “मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला” वाला विकास दुबे। जैसे ही चीन मोर्चे पर डटी मीडिया को बिकरू कांड की हवा लगी सारी तोपों के मुंह बंद कर दिए गए।
हर चैनल ने अपने-अपने फाइटर प्लेन वापस बुला लिए और माइक आईडी लेकर सब पहुंच गए कानपुर के उस गांव में जहां पिछली रात को ही खूनी खेल खेला था हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने। खैर जल्द ही विकास दुबे पकड़ा गया और उसके बाद तय पटकथा के अनुसार उसे ऊपर भी पहुंचा दिया गया।
विकास दुबे एनकाउंटर की जांच मीडिया वाले गंभीरता से कर ही रहे थे तभी अचानक रात 10 बजे महानायक अमिताभ के ट्वीट ने सबको हिला दिया। जैसे ही पता चला कि अमिताभ को कोरोना हुआ है हर चैनल विकास को बीच में ही छोड़कर उमड़ पड़ा ‘प्रतीक्षा’ में।
उधर अमिताभ भर्ती हुए नानवती अस्पताल में और इधर हर चैनल की स्क्रीन पर दौड़ने लगे बिग बी के वीरगाथाओं वाले पैकेज। नजारा तो कुछ दिखा हर चैनल पर जैसे अमिताभ को कोरोना नहीं हुआ बल्कि उनकी दुनिया से विदाई हो गई हो।
दे अमिताभ की कविताएं, दे ब्लाग, दे डायलाग्स, दे ट्वीट्स, मतलब हर तऱफ अमिताभ ही अमिताभ। विकास दुबे की अधूरी आत्मा आसमान से चीखकर मीडियावालों को कोस रही थी और कह रही थी कि मेरे एनकाउंटर की जांच तो पूरी कर लेते। लेकिन अमिताभ के दमदार डायलाग्स के शोर में दुबे की भटकती आत्ना की चीखें दब गई।
अमिताभ की गाथा का गुणगान चमकते स्टूडियोज में हो ही रहा था कि उधर राजस्थान सरकार में बगाबत हो उठी। सरकार में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के दिमाग पर कोरोना ने ऐसा तगड़ा हमला किया कि बेचारे पायलट ने बीच में ही कांग्रेस के प्लेन से छलांग लगा दी।
दो पायलट वाले प्लेन से एक पायलट के कूद जाने से राजस्थान सरकार का हवाई जहाज हवा में डगमगाने लगा। जैसे ही राजस्थान पर नजरें पड़ी सारी मीडिया अमिताभ को अस्पताल में कोरोना की जंग को बीच में ही छोड़कर जयपुर के लिए दौड़ पड़ी। उधर अस्पताल में बिग बी अभिषेक के साथ अकेले रह गए और इधर मीडियावालों के माइक राजस्थान के डगमगाते 200 सीटर प्लेन को बचाने में जुट गए।
फिलहाल तो कोरोना, चीन, विकास दुबे और अमिताभ को छोड़कर मीडिया इस वक्त राजस्थान के रण में मोर्चा संभाले हुए है और इन घटनाओं का घटनाक्रम अभी आरोही क्रम में आगे बढ़ रहा है अब देखते हैं कि पायलट से मीडिया का ध्यान भटकाने कौन आता है।
इंतजार जारी है आप भी करिए…!
अवनीश मिश्रा (इंडिया टीवी)