चेन्नई– तमिलनाडु की प्रमुख हस्ती और तमिल दैनिक दिनामलार के पूर्व संपादक आर कृष्णामूर्ति का गुरुवार को यहां निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे।
अपने मित्रों के बीच आर के नाम से प्रसिद्ध कृष्णामूर्ति का जन्म 18 जनवरी 1933 में राज्य के कन्याकुमारी जिले में हुआ था। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं तथा मीडिया संगठनों के संचालकों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
एक स्थानीय स्कूल में पढ़ने के बाद उन्हाेंने उच्च शिक्षा के लिये नागरकोइल में स्कॉट क्रिश्चियन कॉलेज में पढाई की और भूगर्भविज्ञान में बीएससी करने के लिए करायकुडी पहुंच गये। फिर उन्होंने वहीं से इसी विषय में ही स्नातकोत्तर भी किया।
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बाद में आर कृष्णामूर्ति वर्ष 1956 में दिनामलार में शामिल हुए जहां वर्ष 1977 में संपादक बने। वर्ष 1976 में, उन्होंने तमिल प्रकारों की रचना की विधि के सरलीकरण में रुचि लेना शुरू किया और वर्ष 1977 में प्रसिद्ध पेरियार लिपि को पेश किया । वर्ष 1979 में तमिलनाडु ने टेक्सट के जरिये पेरियार लिपि को पेश किया।
तमिलनाडु के विभिन्न भागों से प्राप्त विभिन्न प्रकार के सिक्कों के संग्रह के लिए भी उन्हेें याद रखा जाएगा । उन्होंने पेरूवलुथी नाम के एक सिक्के की खोज की जो संगम दौर के आयु पांड्य राजा के कार्यकाल का सिक्का है जिसका पता वर्ष 1984 में मदुरई में तमिल ब्राह्मी लिपि में जिक्र किया गया था।
उन्हें संगम युग के चेरा चांदी के सिक्के को प्रकाश में लाने का श्रेय भी जाता है। किंवदंतियों के साथ,मक्काेथाई और कुट्टुवंकोठाई समेत रोमन सम्राटों के समान चित्रण के साथ भी सिक्के मौजूद थे। उन्होंने अन्यमहान हस्तियों और मलाईयमैंस के सिक्कों की भी खोज की।
वह वर्ष 1986 में तमिलनाडु न्यूमासमेटिक आफ इंडिया की शुरूआत से लेकर कई वर्षाें तक प्रभारी रहे।
इन्पुट- यूनीवार्ता