राज्य सड़क परिवहन की सैकड़ों बसें अपनी उम्र पूरी करने के बाद भी दौड़ाई जा रही हैं। कबाड़ घोषित किए जाने के बजाय जुगाड़ से संचालित की जा रही इन बसों में सफर करने वाले यात्रियों को अक्सर न सिर्फ रास्ते में धक्का लगाना पड़ता हैए बल्कि ये खटारा बसें दुर्घटना का भी कारण बनती हैं। प्रदेश सरकार ने समय सीमा पूरी कर चुकी रोडवेज बसों को 15 अगस्त तक बेड़े से बाहर करने के निर्देश जारी किए हैं।
परिवहन अधिकारियों के अनुसार कानपुर परिक्षेत्र में पुरानी खटारा बसों की संख्या दो दर्जन से ज्यादा है। रोडवेज बसों की उम्र 15 साल तय हैए कई बार यह सीमा पूरी होने के बाद भी बस के 12 लाख किलोमीटर सफर की सीमा पूरी नहीं हो पाती है। इसी की आड़ में परिवहन अधिकारी तमाम बसों का रूटों पर संचालन करते रहते हैं।
परिक्षेत्र में रोडवेज की पुरानी उम्र पूरीकर चुकी बसों की सूची लगभग तैयार की जा चुकी हैए जल्द ही उन्हें नीलामी की प्रक्रिया में लगा दिया जाएगा। 15 अगस्त तक यह काम पूरा हो जाएगा।