सौंख :- सूबे की सरकार भले ही गरीब, मजदूरों को राशन सामग्री निशुल्क देकर उनके खाने का इंतजाम कर रही हो। लेकिन विभागीय अधिकारी राशन कार्डो को काटकर सरकार की योजनाओं को पलीता लगा रहे है। लोगों को आरोप है कि निरीक्षक मनमाने तरीके से कार्य कर रहे है।
कोरोना महामारी को लेकर प्रदेश की योगी सरकार ने पिछले चार माह के लाॅकडाउन के चलते गरीब, मजदूरों को निशुल्क राशन साग्रमी देकर मदद कर रही है। कुछ लोगों ने राशन कार्ड न होने पर राशन कार्ड बनवाया था। लेकिन विभागीय अधिकारियों की मनमानी के चलते गरीब, मजदूरों के राशन कार्ड कब कट जाता है।
उपभोक्ताओं को पता तक नही चलता। ऐसी कार्यशैली से उपभोक्ता खासे परेशान है। लोगों दर-दर भटकने पर मजबूर है। लेकिन कोई अधिकारी सुनने वाला है। डा. देवी प्रसाद शर्मा का कहना है कि इन दिनों रसद एंव खाद्य विभाग के अधिकारी खूब मनमानी कर रहे है।
और किसी को पता तक नही चलता, तब तक तमाम गरीब, मजदूरों के राशन काट दिये जाते हैं। धीरज वर्मा का कहना है कि शासन भले ही गरीबों के मदद कर रही हो लेकिन अधिकारियों की मनमानी का शिकार गरीब, मजदूर हो रहे है। अधिकारी इन दिनों गरीबों के राशन कार्डो को काटकर, प्रभावशाली लोगों के कार्ड बना रहे। ऐसें गरीब, मजदूर दर-दर भटकने को मजबूर है।
अगर उपभोक्ता एक महीने राशन नही लेता है तो राशन कार्ड काट दिया जाता है। जिनके पास एसी, सरकारी नौकरी, आयकर दाता, दो लाख वार्षिक आय, पांच हैक्टेयर से अधिक जमीन में आवास आदि संबधित उपभोक्तओं के राशन कार्ड के सत्यापन दौरान काट दिये जायेगें।
राशन कार्ड के लिए आय प्रमाण बनवाना जरूरी है। जिन उपभोक्ताओं को राशन कार्ड बनवाने है वह बैंक पासबुक और आधार कार्ड लेकर ॲानलाइन फार्म भर दें। एक सप्ताह में राशन कार्ड बन जायेगा।
रिपोर्ट धर्मेंद्र सिंह