राजगढ़ :- जिला पुलिस द्वारा मृत्यु की सूचना पर तीव्रता से कार्रवाई करते हुए अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने में एक बहुत बड़ी सफलता हासिल की है। दिनांक 29/07/2020 को थाना छापीहेड़ा के ग्राम धुंआखेड़ी के चौकीदार रामबाबू पिता बापुलाल भिलाला ने थाना छापीहेडा पर फोन द्वारा सूचित किया की गांव में रामबक्स दांगी के मकान के किनारे रोड़ पर गांव के ही सियाराम पिता देवनारायण दांगी उम्र 36 वर्ष की लाश पड़ी है।
सूचना से तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा कर थाना प्रभारी छापीहेड़ा तत्काल घटनास्थल पर रवाना हुए एवं मौके की कारवाई कर थाना हाजा पर मर्ग क्रमांक 21/2020 धारा 174 जाफो के तहत कायम कर जांच में लिया गया दौराने जांच तथ्यों के आधार पर अज्ञात आरोपी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 173/2020 धारा 302 भा द वि के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
जिला पुलिस कप्तान श्री प्रदीप शर्मा द्वारा मामले को संज्ञान में लप्रदेश ए इस अंधे कत्ल की जांच पड़ताल हेतु थाना प्रभारी छापीहेड़ा के नेतृत्व में तत्काल एक टीम गठित कर अज्ञात आरोपी की पतारसी हेतु टीम को निर्देशित किया, टीम ने भी अपनी कार्यवाही प्रारंभ करते हुए।
परिवारजनों सहित आसपास के संदेहीयों से पूछताछ प्रारंभ की, वहीं पुलिस जल्द ही मामले की तह तक पहुंच गई और जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवल सिंह सिसोदिया एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस राजगढ़ मंजू चौहान के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी व उनकी टीम ने सफलता हासिल कर ली।
जांच के दौरान टीम ने पाया कि मृतक सियाराम के जूते उसके पैर में नहीं होने से उस बिंदु पर गौर करते हुए मृतक के घर पहुंचकर जांच की गई यहां मृतक सियाराम के जूते उसके घर में रखें भूसे के ढेर के पास आधे दवे आधे बाहर होना पाया गया, शंका के आधार पर मृतक के पिता देवनारायण दांगी से हिक्मत अमली से पूछताछ की गई।
तो देवनारायण दांगी ने अपनी बहू मृतक की पत्नी भूरी बाई एवं अपने जमाई मांगीलाल दांगी के साथ घटना को अंजाम देना स्वीकार किया और बताया कि आज से 6-7 महीने पहले सियाराम गांव की ही एक लड़की को भगा कर ले गया था जिसके साथ उज्जैन में रह रहा था परंतु अब कुछ दिनों से घर पर आता जाता था।
एवं उस लड़की को भी गांव पर लाने की जिद कर रहा था वह पैसे मांगता था और नहीं देने पर झगड़ा करता था जिससे जमीन बेचने की नौबत आ गई थी इसलिए परेशान होकर इस घटना को अंजाम देने की साजिश बहू भूरी बाई व जमाई मांगीलाल के साथ मिलकर रची थी।
आरोपियों के द्वारा मेमो में बताया कि रात में खाना खाकर जब सियाराम सो गया तब उसके हाथ पैर बांधकर जबरन उसको कीटनाशक दवाई पिला दी एवं गले को साफी से दबा दिया जिससे कुछ समय बाद उसकी मृत्यु हो गई सियाराम के मरने के बाद हमने घसीट कर रात में करीब 3:30 बजे गली में रामबक्स दांगी के मकान के किनारे रोड पर पटक दिया और सो गए ।
मेमो के आधार पर आरोपी गणों से घटना में प्रयुक्त रस्सी, साफी व कीटनाशक की शीशी जप्त की गई है साथ ही मृतक का मोबाइल व जूते भी मौके से जप्त किए जाकर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जिन्हें जल्द ही माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जावेगा।
उक्त अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में थाना प्रभारी उप निरीक्षक राकेश दामले एवं उनकी टीम में एएसआई लोकनाथ कोल, प्रधान आरक्षक 01 दिलीप राय, आरक्षक 723 श्यामसुंदर पाटीदार, आरक्षक 475 देवेंद्र मंडलोई, आरक्षक 776 देवेंद्र यादव, आरक्षक 541 शिव दांगी, आरक्षक 305 बने सिंह, आरक्षक 848 पवन, आरक्षक 464 गिरिराज दांगी, आरक्षक 959 जितेन, आरक्षक 517 सत्येंद्र, आरक्षक 419 सुदामा एवं आरक्षक चालक 3702 भारत का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
रिपोर्ट जगदीश योगी