बिलासपुर(छत्तीसगढ़):- इंडिया के ही साइबर ठग क्या काम थे जो अब पुलिस को पाकिस्तान, अरब और मलेशिया के अंतर्राष्ट्रीय ठग गिरोह का भी मुकाबला करना पड़ रहा है। हालांकि इनसे निपटने के लिए बिलासपुर पुलिस द्वारा चलाए गए ऑपरेशन 65 को कामयाबी मिली है। इसके बाद पाकिस्तान के साथी ठगों के साथ मिलकर ऑनलाइन ठगी को अंजाम देने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। देशभर में हजार से भी अधिक ठगी की घटनाओं को अंजाम देने वाले इस गिरोह का सरगना बड़े मामू उर्फ असगर और छोटे मामू उर्फ अशरफ पाकिस्तान से इसका संचालन करते हैं । देश के सभी हिंदी भाषी इलाकों में रहने वाले लोगों को इनके द्वारा निशाना बनाया गया है।
डिजिटल करेंसी की रकम से ही इन ठगो ने लोगों को अपना शिकार बनाया । पता चला है कि केवल भारत ही नहीं इनके द्वारा और भी कई देशों में इसी तरह से ठगी की वारदातों को अंजाम दिया गया है। इस गिरोह के तार पाकिस्तान ,सऊदी अरब और मलेशिया से जुड़े होने की भी बात कही जा रही है । इसके लिए यह लोग भारत में रहने वाले लोगों के मोबाइल और लैंडलाइन नंबर हासिल कर उन्हें इनाम का झांसा देकर अपने जाल में फंसाते थे। इनके पर्दाफाश के लिए बिलासपुर पुलिस ने करीब 9 दिनों तक ऑपरेशन 65 चलाया जिसमें अलग-अलग प्रदेशों में भी टीम पहुंची। जिसके बाद मुंबई मध्य प्रदेश और उड़ीसा से आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनसे 3 नग लैपटॉप, 13 मोबाइल, 15लाख रुपये नगदी एटीएम कार्ड और बैंक खाते में मौजूद 27 लाख मिलाकर कुल 42 लाख रुपए की जब्ती हुई है
सीपत थाना क्षेत्र के हरदा डीह में रहने वाले जनक राम पटेल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि जनवरी महीने के अंतिम दिनों में उनके पास पाकिस्तानी मोबाइल नंबर से व्हाट्सएप कॉल और चैट के जरिए लगातार फोन आया करता था, जिसमें फोन करने वाला खुद को मुकेश अंबानी बता कर जियो के लकी ड्रॉ में 25 लाख रुपए मिलने या फिर केबीसी के भाग्यशाली विजेता के तौर पर दो करोड़ रुपए जीतने की बात कहता था। इनाम देने का झांसा देकर अलग-अलग खर्चे बताकर इन लोगों ने प्रार्थी से करीब 65 लाख रुपए जमा करा लिए।
इस बीच बिलासपुर पुलिस ने साइबर मितान अभियान चलाया जिससे लोगों में जागरूकता आई और थानों में इस तरह के मामले दर्ज होने लगे। जिसे देखते हुए साइबर सेल द्वारा एक टीम का गठन किया गया जिन्होंने व्हाट्सएप के माध्यम से वीडियो ऑडियो कॉल और चैटिंग की जांच शुरू की। उन खाता नंबरों की भी पड़ताल की गई जिन से ट्रांजैक्शन हुआ था। इनमें से अधिकांश नंबर पाकिस्तान के पाये गए तो वहीं कुछ नंबर उत्तर प्रदेश, बिहार मध्य प्रदेश पश्चिम बंगाल कोलकाता के भी थे।
पता चला कि करीब 12 खातों में ये रकम जमा हुई है। जांच के दौरान यह पता चला कि करीब 50 लाख रुपए की रकम मध्य प्रदेश के रीवा जिले के ग्राम लाइन बधरी सिमरिया निवासी विराट सिंह के अलग-अलग खातों में जमा कराया गया है, जिसे विराट सिंह द्वारा यूपीआई पेमेंट के माध्यम से वर्ली मुंबई निवासी राजेश जायसवाल और हर्ष राजेश जायसवाल के खातों में ट्रांसफर किया गया है। इसी तरह से डिजिटल पेमेंट के माध्यम से उड़ीसा और अन्य राज्यों में भी पैसे ट्रांसफर का सुराग मिला।
पुलिस ने खाताधारक विराट सिंह के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की। इसके लिए टीम रीवा देवास इंदौर उड़ीसा मुंबई महाराष्ट्र भी गई। जहां विराट सिंह का लगातार 10 दिनों तक पता किया गया और आखिरकार पुलिस उसे गिरफ्तार करने में कामयाब हुई । एक टीम रीवा भी पहुंची थी जिसने विराट सिंह को घेराबंदी कर पकड़ा, जिस से जानकारी मिली कि पाकिस्तान से छोटे मामू उर्फ अशरफ तथा बड़े मामू उर्फ अजगर एवं सलीम के लिए वह काम करता है । अपने आकाओं से उसका संपर्क भी व्हाट्सएप ऑडियो वीडियो कॉल और मैसेज के द्वारा ही हुआ करता था ।
यह गिरोह लोगों को लॉटरी और इनाम का झांसा देकर अपने जाल में फंसाता था जिसके बाद लोगों से अलग-अलग खर्चे बता कर पैसे जमा कराए जाते थे, जिसमें से विराट सिंग अपना कमीशन काटकर शेष रकम पाकिस्तानी ठग छोटे और बड़े मामू और सलीम को भेज देता था।
इन्हें यह पैसे पेटीएम के माध्यम से भेजे जाते थे । शातिर गिरोह अन्य लोगों को भी जमा रकम का 3% हिस्सा देने का लालच देकर उनके बैंक खातों का भी इस्तेमाल ठगी के लिए कर रहा था । विराट सिंह के खातों की जांच में पता चला कि हैदराबाद कर्नाटक बेंगलुरु पश्चिम बंगाल महाराष्ट्र उड़ीसा उत्तर प्रदेश उत्तराखंड आसाम दिल्ली में इसके द्वारा पैसे ट्रांसफर किए गए हैं। जनक राम पटेल द्वारा फरवरी 2020 से लेकर सितंबर 2020 तक ₹5000000 इन्हें दिए गए थे जिनमें से 4500000 रुपए वर्ली मुंबई से ऑनलाइन ट्रांसफर किया गया था। विराट सिंह की निशानदेही पर पुलिस ने खाताधारक शिवम ठाकुर और संजय चौहान को मध्यप्रदेश के देवास से गिरफ्तार किया है ।
इस गिरोह द्वारा राजेश और हर्ष जयसवाल के खाते में 45 लाख रुपए का ट्रांसफर किया गया था। पुलिस ने राजेश जायसवाल को भी हिरासत में ले लिया है राजेश ने बताया कि वह अपने खाते में आए इस रकम को डिजिटल करेंसी बिटकॉइन में तब्दील कर बताए गए ठिकाने पर भेज देता था। बिलासपुर पुलिस की एक टीम उड़ीसा भी पहुंची थी, जिनके द्वारा पेमेंट सलूशन के संचालक सीताराम गौड़ा को भी हिरासत में ले गया।
इनके द्वारा खोले गए खाते में 15 लाख रुपए जमा कराए गए थे जिसके बाद खाते को फ्रीज कर दिया गया था । बिलासपुर पुलिस ने इस मामले में रीवा के विराट सिंह, देवास के शिवम ठाकुर देवास के ही संजू चौहान मुंबई के राजेश जायसवाल और गंजाम उड़ीसा के सीताराम गौड़ा को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा 24 परगना पश्चिम बंगाल गोपालगंज बिहार बांका घाट पश्चिम बंगाल कृष्ण नगर समेत कई इलाकों में भी कई आरोपियों की पहचान की जा चुकी है जिन्हें पुलिस जल्द ही गिरफ्तार करेगी।
बिलासपुर पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने आम लोगों को आगाह करते हुए कहा कि वे कभी भी मोबाइल में मिलने वाले मैसेज में दिए जा रहे प्रलोभन के झांसे में ना आए और इस तरह के प्रलोभन मिलने के बाद पुलिस को इसकी जानकारी दे।
हालांकि बिलासपुर पुलिस ने भारत में मौजूद इस गिरोह के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन इनके आका अभी भी पाकिस्तान में सुरक्षित बैठे हैं जिनके द्वारा यह कारोबार बेरोकटोक किया जा रहा है, जो भारत में बैठे लोगों को भी प्रलोभन देकर अपने इस गोरखधंधे में शामिल कर लेते हैं।
रिपोर्ट :- प्रकाश झा