21 जून को सूर्यग्रहण लग रहा है। इस दिन आषाढ़ माह की अमावस्या तिथि है यह सूर्यग्रहण (Surya Grahan) भारत के साथ कई देशों में दिखाई देगा इसका बहुत बड़ा प्रभाव लोगों के जीवन में देखने को मिलेगा यह बहुत बड़ा ग्रहण है इस ग्रहण के प्रभाव मानव जीवन को काफी विचलित कर सकते हैं इसके प्रभाव से तूफान, भूकंप और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं आने की संभावना बढ़ गयी है।
राशि के अनुसार किन वस्तुओं का दान करना चाहिए, ताकि ग्रहण का प्रभाव कम हो?
मेष : ग्रहण के वक्त आप मन ही मन हनुमानजी की प्रार्थना करें और ग्रहण के बाद गेहूं और गुड़ का दान करें। मेष राशि के लोगों को लाल वस्त्र, मसूर की दाल और लाल वस्तुओं का दान करना चाहिए।
वृषभ : वृषभ राशि के लोगों को श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए। इसके अलावा आप चावल और चीनी का दान कर सकते हैं। वृषभ राशि के लोगों के लिए सफेद रंग शुभ है। अत: आप कपूर, सफेद कपड़ा या फिर दूध और उससे बनी वस्तुओं का भी दान कर सकते हैं।
मिथुन : मिथुन राशि के लोगों को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। आपकी राशि के लकी कलर हरा है। इसलिए आप मूंग की दाल, हरी पत्तेदार सब्जियां, हरा वस्त्र दान कर सकते हैं। ऐसा करने से ग्रहण से जुड़े अशुभ प्रभाव दूर होंगे।
कर्क : कर्क राशि के जातकों को भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। कर्क राशि वाले दही, सफेद कपड़ा, दूध, चांदी और चीनी का दान कर सकते हैं। इन वस्तुओं के दान से आप आकस्मिक संकट से दूर रह सकते हैं।
सिंह : सिंह राशि के लोगों के लिए श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का पाठ करना शुभ होगा। इस राशि के लोग तांबे का सिक्का, तांबे का बर्तन, गेहूं का आटा, सोने की कोई वस्तु, सेब और कोई भी मीठा रसीला फल दान कर सकते हैं। ऐसा करने से इनका अशुभ प्रभाव दूर होगा।
कन्या : कन्या राशि के लोग श्री रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें। कन्या राशि के लोग सब्जी, गाय को हरा चारा, जरूरतमंदर को भोजन, जल, इलाइची और शर्बत का दान करें। इससे परिवार के लोगों पर विपत्ति नहीं आयेगी और उनके जीवन की रक्षा होगी।
तुला : तुला राशि वालों को ग्रहण के बाद श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए। इस राशि के लोग मंदिर में पूजन सामग्री, झाड़ू, अगरबत्ती, दीपक, घी और इत्र का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से आपका भाग्योदय होगा।
वृश्चिक : वृश्चिक राशि के लोगों को श्री बजरंगबाण का पाठ करना चाहिए। इसके अलावा इस राशि के लोगों को पीली वस्तुओं, पीली मिठाई, हल्दी, गन्ना, गन्ने का रस, गुड़ चीनी और चंदन का दान करना चाहिए। इससे कारोबार और नौकरी से जुड़ी सभी प्रकार की बाधाएं दूर होंगी।
धनु : आप लोगों को भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और अन्न का दान करना चाहिए। इसके अलावा धनु राशि वाले चना, बेसन, केसर, स्वर्ण, मिठाई, चांदी और घी का दान करके अपने और अपने परिवार के लोगों के लिए शुभ फल की प्राप्ति कर सकते हैं।
मकर : आपकी राशि के लोगों को सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए और तिल का दान करना चाहिए। इसके साथी ही आप चना उड़द, पापड़, मटका, तिल, सरसों, कंघा, और काजल का दान भी कर सकते हैं। ऐसा करने से समस्त कष्टों का निवारण होता है।
कुंभ : आपको हनुमानजी की उपासना करनी चाहिए। कुंभ राशि वालों के स्वामी शनि होते हैं। आपका राशि वाले ईंधन, आटा, मसाले, हनुमान चालीसा, दूध का दान कर सकते हैं। आप ग्रहण के बाद किसी जरूरतमंद को भोजन करवाकर भी पुण्य फल की प्राप्ति कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके घर में कभी भी अन्न और धन का संकट नहीं होगा।
मीन : श्रीरामचरितमानस के अरण्य का पाठ करें। आपके लिए केले और चने की दाल का दान करना शुभ होगा। आपकी राशि वालों को ग्रहण के बाद पक्षियों को दाना डालना चाहिए। चीटिंयों के बिल पर गुड़ और आटे का मिश्रण डालना चाहिए। इसके साथ ही आप जरूरतमंदों को वस्त्रों का भी दान कर सकते हैं।
21 जून को सूर्य ग्रहण, जानिए क्या होंगे प्रभाव-
इस महीने चंद्र ग्रहण के बाद अब सूर्य ग्रहण लगेगा। सूर्य ग्रहण 21 जून रविवार के दिन लगेगा और यह भारत में दिखाई देगा। इसलिए यहां ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा। आइए जानते हैं यह ग्रहण किस राशि में लगेगा, इसका क्या प्रभाव होगा और ग्रहण का समय क्या रहेगा।
21 जून को सूर्य ग्रहण सुबह 9 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर 3 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर ग्रहण अपने चरम प्रभाव में होगा। जबकि सूतक ग्रहण के एक दिन पहले यानी 20 जून को रात 9 बजकर 15 मिनट से ही शुरू हो जाएगा जो ग्रहण समाप्ति तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान शुभ कार्यों को न करें।
21 जून को सूर्य ग्रहण मिथुन राशि में लगेगा। इस राशि में सूर्य बुध और राहु के साथ युति करेगा। मिथुन राशि के जातकों पर ग्रहण अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा। इस दौरान मिथुन राशि के जातकों को संभलकर रहना होगा। ग्रहण के दौरान ग्रह पर ही रहें और सूर्य देव की उपासना करें। इससे आपके ऊपर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ेगा।
ग्रहण में सावधानियां
सूतक काल के लगने से ही ग्रहण से संबंधी कई तरह की सावधानियां रखना आरंभ हो जाता है। सूतक में खाने की चीजों में तुलसी दल रखना चाहिए। ग्रहण में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी रखनी चाहिए। ग्रहण काल में पूजा स्थल के दरवाजे बंद कर दिए जाते ताकि ग्रहण का बुरा असर भगवान पर न पड़े। इस सूर्य ग्रहण के बाद स्नान, दान और मंत्र जाप करना विशेष फलदायी रहेगा।
कहां-कहां दिखाई देगा यह ग्रहण
21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत के अलावा साउथ अफ्रीका, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, कॉन्गो, इथोपिया, पाकिस्तान और चीन में दिखाई देगा। ग्रहण को नंगी आंखों से कभी नहीं देखना चाहिए। वैज्ञानिकों के अनुसार, चंद्र ग्रहण को आप नग्न आंखों से तो देख सकते हैं लेकिन सूर्य ग्रहण को नहीं। क्योंकि सूर्य ग्रहण से आपकी आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। सूर्य ग्रहण को देखने के लिए सोलर फिल्टर वाले चश्मों का प्रयोग करना चाहिए।
कैसे लगता है सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। सरल शब्दों में कहें तो इस घटना के तहत जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के मध्य में आ जाता है जिससे सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुँच पाती हैं। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
21 जून को सूर्य ग्रहण के समय 6 बड़े ग्रह रहेंगे वक्री
भारत और विश्व के लिए 21 जून का सूर्य ग्रहण बेहद संवेदनशील है। मिथुन राशि में होने जा रहे इस ग्रहण के समय मंगल जलीय राशि मीन में स्थित होकर सूर्य, बुध, चंद्रमा और राहु को देखेंगे जिससे अशुभ स्थिति का निर्माण होगा। इसके अलावा ग्रहण के समय 6 ग्रह शनि, गुरु, शुक्र और बुध वक्र होंगे। राहु केतु हमेश वक्र चलते हैं इसलिए इनको मिलकर कुब 6 ग्रह वक्री रहेंगे, जो शुभ फलदायी नहीं है। इस स्थिति में संपूर्ण विश्व में बड़ी उथल-पुथल मचेगी।
प्राकृतिक आपदा से परेशानी
ग्रहण के समय इन बड़े ग्रहों का वक्री होना प्राकृतिक आपदाओं जैसे अत्यधिक वर्षा, समुद्री चक्रवात, तूफान, महामारी आदि से जन-धन की हानि कर सकता है। भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका को जून के अंतिम सप्ताह और जुलाई में भयंकर वर्षा एवं बाढ़ से जूझना पड़ सकता है। ऐसे में महामारी और भोजन का संकट इन देशों में कई स्थानों पर हो सकता है।
पश्चिमी देशों में बढ़ेगा तनाव
इस वर्ष मंगल जल तत्व की राशि मीन में पांच माह तक रहेंगे ऐसे में वर्षा काल में आसामान्य रूप से अत्यधिक वर्षा और महामारी का भय रहेगा। ग्रहण के समय शनि और गुरु का मकर राशि में वक्री होना इस बात की आशंका को जन्म दे रहा है कि चीन के साथ पश्चिमी देशों के संबंध बेहद खराब हो सकते हैं।
आर्थिक मंदी का असर
भारत के पश्चिमी हिस्सों में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान में राजनीतिक उठा-पटक चिंता का कारण बनेगी तथा हिंद महासागर में चीन की गतिविधयों से तनाव बढ़ेगा। शनि, मंगल और गुरु इन तीनों ग्रहों के प्रभाव से विश्व में आर्थिक मंदी का असर एक वर्ष तक बना रहेगा।
मेष: इस राशि के जातकों को सफलता मिलने के आसार हैं। मान सम्मान में होगी बढ़ोतरी।
वृषभ: व्यापार और नौकरी में परेशानी, आर्थिक नुकसान की संभावना।
मिथुन: दुर्घटना के आसार, वाद विवादों से परेशानी।
कर्क: संपत्ति के मामले में हानि।
सिंह: जीवनसाथी का सुख, लाभ प्राप्त होने के संकेत।
कन्या: शुभ समाचार मिलेंगे।
तुला: वाद-विवाद हो सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें।
वृश्चिक: ग्रहण ठीक नहीं कष्टों का करना पड़ सकता है सामना।
धनु: जीवनसाथी से कष्ट।
मकर: ग्रहण आपके लिए शुभ।
कुंभ: तनाव व मानसिक परेशानी।
मीन: बीमारी का संकट, परेशानी बढ़ेंगी।
इस बात का रखें ख्याल: धार्मिक मान्यताओं अनुसार किसी भी ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को अपना विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। जिससे ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा का असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर न पड़ सके। इसलिए ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि यदि आप सूर्य ग्रहण का गवाह बनना चाहते हैं, तो इसे नग्न आंखों से देखने का प्रयास न करें। नग्न आंखों से ग्रहण देखने पर आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। दूरबीन, टेलीस्कोप, ऑप्टिकल कैमरा व्यूफाइंडर से ग्रहण को देखना सुरक्षित है।
आचार्य पवन तिवारी
अध्यक्ष ज्योतिष सेवा संस्थान