कानपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर ने सिमडास ऑटोनॉमी प्राइवेट लिमिटेड (आईआईटी कानपुर द्वारा संचालित स्टार्टअप) और इंडस्ट्री पार्टनर एवी एग्रीटेक (AV Agritech) के साथ मिलकर बागवानी में क्रांति लाने के लिए अपनी तरह की पहली LiDAR-आधारित इन्टेलिजन्ट स्प्रेयर तकनीक विकसित की है। यह अभूतपूर्व नवाचार कृषि रसायन की बर्बादी को कम करता है, टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देता है और उन्नत परिशुद्धता प्रौद्योगिकी के माध्यम से दक्षता बढ़ाता है। IDEAS TiH, ISI कोलकाता परियोजना के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा समर्थित, यह तकनीक स्मार्ट खेती के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
दिन और रात किसी भी समय कार्य करने की क्षमता वाला यह इन्टेलिजन्ट स्प्रेयर, पेड़ों को स्कैन करने के लिए उन्नत LiDAR तकनीक का उपयोग करता है, जिससे रासायनिक अनुप्रयोग में सटीकता सुनिश्चित होती है और संसाधन की बर्बादी को आसानी से बचाया जा सकता है। यह सिस्टम एक एकीकृत GPS-सक्षम मोबाइल ऐप से लैस है जो छिड़काव किए गए क्षेत्रों, कृषि रसायन की खपत और डिवाइस के प्रदर्शन का वास्तविक समय में अपडेट प्रदान करता है। किसान दूर से डिवाइस की निगरानी और नियंत्रण कर सकते हैं, जिससे संचालन के निर्बाध प्रबंधन की अनुमति मिलती है। इसके अतिरिक्त, इसका उपयोगकर्ता के अनुकूल डिज़ाइन, जिसमें वाटरप्रूफ कनेक्टर और एक आसान प्लग-एंड-प्ले सेटअप शामिल है, जिससे किसानों को इसे अपनाने और कार्य करने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना नाहन करना पड़ता है। यह सिस्टम किसानों द्वारा सामना की जाने वाली सामान्य चुनौतियों जैसे कि इसको संचालित कर रहे ऑपरेटर के द्वारा गति को बढ़ाना या घटाना और रसायन का छिड़काव करते समय लेन छोड़ना आदि का भी समाधान करता है । इस सिस्टम द्वारा उत्पन्न अलर्ट उपयोगकर्ताओं को ऐसे मुद्दों के बारे में सूचित करते हैं, जिससे इसकी दक्षता और विश्वसनीयता बढ़ती है।
इस स्प्रेयर तकनीक पर बोलते हुए, प्रोफेसर भारत लोहनी ने कहा, “LiDAR-आधारित इन्टेलिजन्ट स्प्रेयर बागवानी में एक आदर्श बदलाव का प्रतीक है। यह प्रिसिजन एग्रीकल्चर को अत्याधुनिक तकनीक के साथ जोड़ता है, जो कृषि रसायनों के अत्यधिक उपयोग को कम करने और टिकाऊ खेती के तरीकों को सुनिश्चित करने की दोहरी चुनौती का समाधान प्रदान करता है। यह नवाचार किसानों को बेहतर उपकरणों के साथ सशक्त बनाता है, साथ ही भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरण की सुरक्षा करता है। हमारा लक्ष्य ऐसे समाधान बनाना है जो न केवल प्रभावी हों बल्कि देश भर के किसानों के लिए सुलभ और व्यावहारिक भी हों, जो रोज़मर्रा की खेती में उन्नत तकनीक को एकीकृत करते हो ।”
इस इन्टेलिजन्ट स्प्रेयर का कठोर फील्ड परीक्षण किया जा रहा है, जिससे रसायनों के अत्यधिक उपयोग को कम करने की इसकी क्षमता का प्रदर्शन कर रहा है। आने वाले तीन महीनों में, चार उपकरणों को और अधिक परिष्कृत करने के लिए विभिन्न बागों में उनका परीक्षण किया जाएगा। इन परीक्षणों का उद्देश्य विभिन्न फसलों और खेती की स्थितियों के लिए सिस्टम की अनुकूलता सुनिश्चित करना है, जिससे व्यापक रूप से अपनाए जाने के लिए ये सिस्टम बाजार में किसानों को उपलब्ध हो सके।
इस नवाचार का सबसे व्यावहारिक पहलू इसकी फिट टू, एडजस्ट खूबी है । इस इन्टेलिजन्ट LiDAR प्रणाली को मौजूदा यांत्रिक स्प्रेयर में आसानी से लगाया जा सकता है, जिससे वे सटीक उपकरण बन सकते हैं। यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि किसान इस अत्याधुनिक तकनीक को आसानी से अपना सकें, जिससे यह उनकी विविध कृषि आवश्यकताओं के लिए एक स्केलेबल समाधान बन सके। आने वाले महीनों में बड़े पैमाने पर उत्पादन की उम्मीद के साथ, इसकी मौजूदा कीमत में और गिरावट आने का अनुमान है, जिससे यह देश भर के किसानों और वैश्विक स्तर पर सभी को सुलभ हो जाएगा। इस तकनीक को 4-5 महीनों के भीतर व्यावसायिक रूप से लॉन्च किया जाएगा, जो उन्नत कृषि उपकरणों को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।
यह नवाचार आईआईटी कानपुर की सतत कृषि विकास और खेती में प्रौद्योगिकी के उपयोग के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। पर्यावरणीय प्रभाव को कम करके और दक्षता में सुधार करके, LiDAR-आधारित इन्टेलिजन्ट स्प्रेयर भारत में प्रिसिजन एग्रीकल्चर के लिए एक नया मानक स्थापित करते हुए, बागवानी के तरीकों को बदलने के लिए तैयार है। इस तकनीक को विकसित करने में प्रोफेसर लोहनी को सिमडास ऑटोनॉमी और विशेष रूप से अक्षत आर्य द्वारा सहायता प्रदान की गई।