नयी दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय ने देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द होने के बाद उत्पन्न हुए संकट के मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए अपने चार महत्वपूर्ण फ्लाइट ऑपरेशन्स इंस्पेक्टर अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। यह कदम विमानन क्षेत्र में नियामक द्वारा लिया गया एक बड़ा निर्णय है, जो परिचालन मानकों को बनाए रखने के लिए सख्त रुख को दर्शाता है।
तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त किए गए अधिकारी
डीजीसीए द्वारा 11 दिसंबर को जारी आदेश के अनुसार, ये चारों अधिकारी तत्काल प्रभाव से डीजीसीए की सेवा से मुक्त कर दिये गये हैं और उन्हें अपने मूल संगठनों में वापस भेज दिया जाएगा। जिन अधिकारियों पर यह बड़ी कार्रवाई की गई है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
- कंसल्टेंट (डिप्टी चीफ एफओआई) ऋषिराज चटर्जी
- सीनियर एफओआई सीमा झमनानी
- कंसल्टेंट (एफओआई) अनिल कुमार पोखरियाल
- कंसल्टेंट (एफओआई) प्रियम कौशिक
इन अधिकारियों की बर्खास्तगी इस बात का संकेत है कि नियामक इंडिगो संकट के प्रबंधन या निरीक्षण में गंभीर खामियां मानता है, जिसने हजारों हवाई यात्रियों को प्रभावित किया।
व्यापक उड़ान रद्द होने से उत्पन्न हुआ संकट
इंडिगो एयरलाइन में यह संकट दिसंबर के पहले सप्ताह में शुरू हुआ, जब हजारों की संख्या में उड़ानें रद्द कर दी गईं। 05 दिसंबर को स्थिति सबसे खराब रही, जब अकेले एक ही दिन में इंडिगो की 1,500 से अधिक उड़ानें रद्द रहीं। इस व्यापक व्यवधान के कारण यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
संकट का असर अभी भी विमानन बाजार पर देखा जा रहा है। सरकार द्वारा दूरी के हिसाब से अधिकतम हवाई किराया तय करने के बावजूद, उड़ानें रद्द होने की वजह से मांग और आपूर्ति में अंतर पैदा हुआ है, जिसके चलते कई मार्गों पर टिकटों के दाम आसमान छू रहे हैं।
सरकार का हस्तक्षेप और आगे की कार्रवाई
इस गंभीर स्थिति पर संज्ञान लेते हुए, केंद्र सरकार ने तुरंत कार्रवाई की है।
जांच समिति का गठन: सरकार ने पूरे संकट की विस्तृत जांच के लिए एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति संकट के कारणों और संबंधित अधिकारियों की भूमिका की समीक्षा करेगी।
उड़ानों में कटौती: इसके अतिरिक्त, इंडिगो एयरलाइन को अपने आगामी विंटर शिड्यूल की उड़ानों में 10 प्रतिशत की कटौती करने का आदेश दिया गया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि एयरलाइन अपने मौजूदा संसाधनों और क्रू उपलब्धता के भीतर परिचालन को व्यवस्थित कर सके और भविष्य में इस तरह के बड़े पैमाने पर व्यवधानों से बचा जा सके।
यह पूरा घटनाक्रम भारतीय विमानन उद्योग के लिए एक चेतावनी है कि नियामक प्राधिकरण यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा से समझौता करने वाली किसी भी चूक को बर्दाश्त नहीं करेगा।