कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर – 1 (आईआईटी से नौबस्ता) के अंतर्गत मोतीझील से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक दोनों लाइनों (‘अप-लाइन‘ और ‘डाउन-लाइन‘) पर ट्रैक निर्माण कार्य पूरा करने के बाद, अब लगभग 5 किमी लंबे बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन पर ट्रैक निर्माण का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस क्रम में उक्त सेक्शन पर बारादेवी से नौबस्ता तक रेल (पटरियों) के वेल्डिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। रेल (पटरियों) को लगभग 5 किलोमीटर तक दोनों लाइनों पर वेल्ड करने यानी बिछाने के बाद अब इनके नीचे स्लैब की ढलाई के कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। स्लैब की ढलाई पूरी होने पर इस सेक्शन के ट्रैक का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।
बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन पर पिछले साल अक्टूबर माह में बारादेवी स्टेशन से रेल (पटरियों) को बिछाने और एफबीडब्लू (फ्लैश बट्ट वेल्ड) प्लांट से वेल्ड करने का काम आरंभ किया गया था। 18 मीटर लंबे और 1 टन वजनी कुल 1150 रेल की पटरियों को और उन्हें वेल्ड करने के लिए एफबीडब्लू (फ्लैश बट्ट वेल्ड) प्लांट को क्रेन के माध्यम से वायडक्ट या उपरिगामी पुल पर पहुंचाया गया। इसके बाद वेल्डिंग की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ी और अब किदवई नगर, वसंत विहार, बौद्ध नगर स्टेशन होते हुए नौबस्ता तक पटरियों को बिछाने और वेल्ड करने का काम पूरा कर लिया गया है। वेल्डिंग के कार्य के साथ ही निश्चित छोटी-छोटी दूरियों पर इनके नीचे स्लैब की ढलाई का कार्य भी आगे बढ़ रहा है।
कानपुर मेट्रो के बैलास्ट-लेस (गिट्टी-रहित) ट्रैक में प्रयुक्त हो रही ये रेल (पटरियां) हेड हार्डेंड तकनीक से बनीं हैं। ऐसी रेल (पटरियों) का प्रयोग हाई स्पीड फ्रेट कॉरिडोर में भी किया जाता है। कानपुर मेट्रो के बैलास्ट-लेस (गिट्टी-रहित) ट्रैक में रखरखाव की कम से कम आवश्यकता पड़ती है और इनका जीवन-चक्र लंबा होता है। ट्रैक निर्माण के दौरान डिरेलमेंट गार्ड और थर्ड रेल लगाने के प्रबंध भी किए जाते हैं।
इस अवसर पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार ने कहा कि, “बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन में ट्रैक की वेल्डिंग का कार्य अब पूरा हो गया है। इस सेक्शन में प्लैटफॉर्म की ढलाई और पीईबी संरचनाओं या दूसरे शब्दों में कहें तो प्लैटफॉर्म की छतों के परिनिर्माण का कार्य पहले ही पूरा किया जा चुका है। वर्तमान में यहां ट्रैक निर्माण के अलावा तकनीकी कक्षों के निर्माण का काम चल रहा है। समय की बचत के लिए विभिन्न विभागों से संबंधित सिस्टम इंस्टॉलेशन का कार्य भी साथ-साथ किया जा रहा है। मुझे खुशी है कि हमारी पूरी टीम और कार्यदायी संस्थाएं सुनियोजित ढंग से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरे दृढ़ संकल्प के साथ जुटी हुईं हैं।“
वर्तमान में, लगभग 24 किमी लंबे कॉरिडोर-1 (आईआईटी-नौबस्ता) के अंतर्गत कानपुर मेट्रो की यात्री सेवाएं 9 किमी लंबे प्रॉयोरिटी कॉरिडोर (आईआईटी-मोतीझील) पर चल रहीं हैं। कॉरिडोर-1 के चुन्नीगंज से नौबस्ता तक बैलेंस सेक्शन के अलावा लगभग 8.60 किमी लंबे कॉरिडोर-2 (सीएसए-बर्रा 8) के दोनों सेक्शन का निर्माण कार्य भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।