नयी दिल्ली: देशभर के संत समाज ने ‘वोकल फॉर लोकल’ (Vocal For Local) को महत्व देने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील को हाथों-हाथ लिया है और स्थानीय उत्पादों के इस्तेमाल को बढावा देने में बढ-चढ कर योगदान देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
देश के अनेक संत महात्माओं ने प्रधानमंत्री की अपील पर सोशल मीडिया पर उत्साह दिखाते हुए आत्मनिर्भर भारत के लिए ‘वोकल फॉर लोकल ’ को महत्व देने की बात कही है। उन्होंने टि्वट कर स्थानीय उत्पादों को बढावा देने में योगदान देने और इसे आगे बढाने में हर संभव प्रयास करने की सहमति व्यक्त की है।
पीएम मोदी ने सोमवार को राजस्थान के पाली जिले में जैन आचार्य श्री विजय वल्लभ सुरीश्वर जी महाराज की 151 वी जयंती पर वीडियो कांफ्रेन्स से उनकी प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ पीस’ का अनावरण करते हुए देश के संत समाज से स्थानीय वस्तुओं के इस्तेमाल को बढ़ावा देने में योगदान की अपील की थी।
प्रधानमंत्री की अपील के बाद श्री श्री रविशंकर , स्वामी रामदेव, सद्गुरु , स्वामी अवधेशानंद, देविका नंदन ठाकुर जी , देवी चित्रलेखा जी, स्वामी सुमेधानंद, पूज्य स्वामी जी, साध्वी भगवती सरस्वती, साध्वी जया भारती, श्री पुंडरीक गोस्वामी, चिन्मय शिवम , परमार्थ निकेतन, आचार्य लोकेश मुनि, अरिहंत ऋषि, स्वामी उमेश आनंद, ब्रह्मा कुमारीज साध्वी कृष्णा जी और सत्य प्रकाश जी तथा अन्य महात्माओं ने प्रधानमंत्री की अपील पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए योगदान देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
मोदी ने कहा था , “ जिस प्रकार आजादी के आंदोलन की पीठिका भक्ति आंदोलन से शुरू हुई, वैसे ही आत्मनिर्भर भारत की पीठिका हमारे संत-महंत-आचार्य तैयार कर सकते हैं। हर व्यक्ति तक वोकल फॉर लोकल का संदेश पहुंचते रहना चाहिए। मैं संतों-महापुरुषों से विनम्र निवेदन करता हूं कि आइए, हम इसके लिए आगे बढ़ें।”