कोलकाता, 4 दिसंबर 2025: पश्चिम बंगाल में एक बार फिर बड़ा राजनीतिक ड्रामा देखने को मिला है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने अपने मुर्शिदाबाद जिले के बागी विधायक हुमायूं कबीर को गुरुवार को पार्टी से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुर्शिदाबाद रैली से ठीक कुछ घंटे पहले की गई।
हुमायूं कबीर पर आरोप है कि वे लगातार पार्टी लाइन से हटकर विवादास्पद बयान दे रहे थे। सबसे बड़ा विवाद तब हुआ जब उन्होंने ऐलान किया कि वे 6 दिसंबर (बाबरी विध्वंस की बरसी) को बेलडांगा के रेजीनगर में ‘बाबरी मस्जिद’ की नींव रखेंगे। इतना ही नहीं, उन्होंने दावा किया कि नींव रखने के कार्यक्रम में खुद ममता बनर्जी सहित टीएमसी के सभी बड़े नेता शामिल होंगे।
टीएमसी ने तुरंत इस बयान से किनारा कर लिया और साफ कर दिया कि यह हुमायूं कबीर का निजी फैसला है, पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कबीर यह सब टिकट और अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए दबाव की राजनीति कर रहे थे, लेकिन उनका यह दांव उल्टा पड़ गया।
कबीर ने बंगाल पुलिस को भी खुली चुनौती दी थी कि “कोई मुझे बाबरी मस्जिद की नींव रखने से रोक नहीं सकता”।
ममता बनर्जी ने क्यों उठाया इतना सख्त कदम?
- मुर्शिदाबाद जिले में 19 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें ज्यादातर मुस्लिम बहुल हैं।
- पार्टी नहीं चाहती थी कि अल्पसंख्यक वोट बैंक के बीच कोई विवादास्पद मुद्दा उठे।
- ममता बनर्जी सभी विधायकों-सांसदों को संदेश देना चाहती थीं कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी।
- कबीर भरतपुर सीट से विधायक हैं, यानी ममता की रैली उसी जिले में थी।
सस्पेंशन के बाद हुमायूं कबीर का रिएक्शन:
निलंबन के तुरंत बाद हुमायूं कबीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा:
- “मैं खुद ही टीएमसी से इस्तीफा दे दूंगा।”
- “जरूरत पड़ी तो 22 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में नई पार्टी लॉन्च करूंगा।”
- “6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की नींव रखने का कार्यक्रम तय है, वह होगा ही।”