नई दिल्ली। ट्रेन सफर के दौरान रेलवे स्टेशन पर या ट्रेन के भीतर कोविड-19 से बचाव संबंधी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर पाँच साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने त्योहारी मौसम के दौरान यात्रियों की भीड़-भाड़ के मद्देनजर आज दिशा-निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि रेलवे स्टेशन में प्रवेश से लेकर अंतिम गंतव्य स्टेशन से निकलने तक यात्रियों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य होगा। साथ ही मास्क सही तरीके से लगाया जाना चाहिये। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
सामाजिक दूरी का पालन नहीं करना और कोविड-19 से संक्रमित पाये जाने के बावजूद या इसकी जाँच के लिए नमूने देने के बाद रिपोर्ट आने से पहले या रेलवे स्टेशन पर स्वास्थ्य जाँच के बाद यात्रा से रोके जाने के बावजूद ट्रेन सफर की कोशिश करना भी की श्रेणी में आयेगा। सार्वजनिक स्थान पर थूकने या जानबूझकर किसी प्रकार मल-मूत्र त्याग के लिए भी दिशा-निर्देश में मना किया गया है। स्टेशन पर या ट्रेन के भीतर किसी प्रकार की गंदगी फैलाने या रेलवे प्रशासन द्वारा जारी किसी भी अतिरिक्त निर्देश का उल्लंघन भी दंडनीय अपराध होगा।
आरपीएफ ने कहा कि इन अपराधों के लिए रेलवे अधिनियम की धारा 145, 153 और 154 के तहत कार्रवाई की जायेगी। धारा 145 अवैध रूप से ट्रेन में सवार होने के बारे में है जिसके तहत कम से एक महीने की कैद या पाँच हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। अधिकतम तीन साल की कैद या 10 हजार रुपये तक जुर्माना या दोनों हो सकता है।
जानबूझकर दूसरों की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए धारा 153 के तहत पाँच साल तक की कैद का प्रावधान है। वहीं अनजाने में या आवेग में दूसरों की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए एक साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकता है।
वार्ता