हाथरस । जब मुफलिसी की त्रासदी किसी परिवार पर अपना कहर ढाती है तो अपने पराये सब साथ छोड़ देते हैं। इतना ही नहीं प्रशासन भी वहां ध्यान देता है जहां उसे कुछ सुविधा शुल्क मिलने की उम्मीद होती है। जहां सुविधा शुल्क मिलना असम्भव हो वहां ध्यान नहीं दिया जाता। जिन परिवारों पर रहने के लिए मकान नहीं उनके मकान नहीं बनवाये जा रहे हैं। कुछ ऐसे भी परिवार हैं जो दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज हैं । जिनके पास न तो खाने के लिए भोजन है और नाहीं रहने के लिए मकान है।
एक ऐसा ही परिवार शासन और प्रशासन की नजरों से बहुत दूर है। यहां किसी को नजर डालने की जरूरत नहीं पड़ी। हाथरस जनपद के कस्बा मेंडू नगर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बनवाने का काम चल रहा है। यहां कुछ मकान बन चुके हैं और कुछ बन रहे हैं। इसी कस्बे में एक ऐसा परिवार है जिसके पास न तो खाने को भोजन है और ना ही सिर ढकने के लिए छत है। जरूरतमंद लोग प्रधानमंत्री आवास योजना से महरूम हैं। कस्बा मेंडू के मोहल्ला कसाईखाना की रहने वाली इंद्रा देवी पत्नी स्व0 छोटेलाल रहने के लिए त्रिपाल डालकर जीवन व्यतीत कर रही है। इनका एक मानसिक विक्षिप्त बेटा भी है । इंद्रा देवी भीख मांगकर अपना और अपने बेटे का पेट भरती हैं। अब से करीब दो साल पहले हमने इस गरीब परिवार के बारे में प्रशासन को चेताया था तब वृद्ध महिला इन्द्रा के पति छोटेलाल भी जीवित थे। उस समय प्रशासन ने 20 किग्रा गेहूं और 10 किग्रा चावल इस परिवार को एक बार दिए थे। उसके एक महीने बाद छोटेलाल बीमार हो गए जिनका मुफलिसी के चलते इलाज नहीं हो पाया था। धन के अभाव में इलाज न करा पाने के कारण उनकी मृत्यु हो गई । अब इस परिवार में स्व0 छोटेलाल की पत्नी इंद्रा और बेटा रहता है। हमने इंद्रा देवी से यह भी जानने की कोशिश की कि उनके पास राशनकार्ड है या नहीं, राशन मिलता है या नहीं तो उन्होंने बताया कि राशन कार्ड तो है । राशन लेने के लिए कई बार गईं भी लेकिन राशन की दुकान पर नम्बर नहीं आ पाता और बाद में यह कह दिया जाता है कि अब राशन खत्म हो गया है । सरकारी राशन की दुकान से कई बार खाली हाथ लौटने पर मायूसी ही सिर्फ हाथ लगी । इसी कारण वह भीख मांगकर गुजारा कर रहीं हैं। इन्द्रा देवी ने बताया कि वह अब राशन लेने नहीं जाती हैं । चार पांच बार आवास के लिए फार्म भरा है लेकिन आज तक आवास नहीं बना । यहीं पडौ़स के रहने वाले विनोद कहते हैं कि इन्द्रा देवी के पति छोटेलाल का देहांत होने के बाद से भीख मांगकर पेट भरती हैं बेटा मानसिंक विक्षिप्त है। मकान टूटा पड़ा है, छत ढकने की व्यवस्था नहीं है। विनोद का कहना है कि पड़ौसी होन के नाते उसने भी कई बार नगर पंचायत के अधिकारियों से कहंा है । नगर पंचायत के चेयरमैन से भी कहा लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया । लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया ।
रिपोर्ट – कैलाश पौनियां विद्रोही