देश में कोरोनावायरस बहुत से पैर पसार रहा है। लेकिन इसी बीच एक चौका देने वाली खबर सामने आई है। खबर यह है कि लोगों में अब कोरोना वायरस से लड़ने की शक्ति देखी जा रही है,
यह परीक्षण वहां हुआ है । जहां पर कोरोनावायरस तेजी से फैल रहा था, लेकिन अब मुंबई में कोरोना का प्रकोप कम हो रहा है. तीन माह में प्रथम बार ऐसा हुआ जब एक दिन में केवल सात सौ नए कोरोना संदिग्ध मरीज सामने आए। इस बीच मुंबई में सीरो-सर्विलांस का अध्ययन किया गया। जिसमें खुलासा हुआ कि स्लम एरिया के 57% और गैर-स्लम एरिया के 16% लोगों में एंटीबॉडी डेवलप हो गई है, यानी कई लोग कोरोना से प्रभावित हुए थे.
मुंबई में सीरो सर्विलांस सर्वे की शुरुआत 3 जून को गयी थी। इस दौरान लगभग 8870 में से 6936 नमूने इकट्ठा किए गए थे. यह सर्वे स्लम एरिया और गैर-स्लम एरिया के तीन इलाकों आर-नॉर्थ, एम-वेस्ट और एफ-नॉर्थ में मध्य जुलाई तक किया गया. इस सर्वे में पता चला कि कोरोना के अधिक मरीज अ सिम्पटोमेटिक हैं।
मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन(BMC) ने कहा कि हर्ड इम्यूनिटी के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने में यह सर्वे रिजल्ट काफी कारगर साबित होंगे। मुंबई मुंसिपल कॉरपोरेशन एक और सर्वे करने के लिए सोच रहा है। जिसका मकसद संक्रमण फैलने की जानकारी और हर्ड इम्युनिटी के बारे में अध्ययन करना है।
बीएमसी ने दावा किया कि स्लम एरिया में कोरोना का प्रसार संभवतः जनसंख्या घनत्व के कारण हो सकता है. स्लम एरिया में सभी लोग सार्वजनिक शौचालय और पानी जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, बीएमसी अभी हर्ड इम्युनिटी को लेकर किसी खास नतीजे पर नहीं पहुंची है.
बीएमसी का कहना है कि सीरो-सर्विलांस सर्वे से भी संकेत मिलता है कि संक्रमण दर (IFR) 0.05-0.10 प्रतिशत की सीमा में बहुत कम होने की संभावना है. बीएमसी का मानना है कि गैर-स्लम एरिया में सोशल डिस्टेंसिंग और हाईजिन की वजह से कोरोना ज्यादा पांव पसार नहीं पाया.