केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उत्तराखंड में ‘चारधाम सड़क परियोजना’ की समीक्षा की। गडकरी ने सभी लंबित मुद्दों को शीघ्र सुलझाने और भूमि अधिग्रहण का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने को कहा। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि यह अत्यंत राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है और सभी संबंधित व्यक्तियों को इसी दृष्टिकोण से इस पर काम करना चाहिए।
उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वे राज्य सरकार के स्तर पर विशेषकर पर्यावरण, भूमि अधिग्रहण आदि से संबंधित लंबित मुद्दों की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करें एवं करीबी नजर रखें। उन्होंने इसमें जानबूझकर देरी किए जाने के खिलाफ आगाह किया।
बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव इस दिशा में कदम उठाते हुए सड़क परिवहन मंत्रालय और राज्य सरकार के विभागों के अधिकारियों के साथ पर्यावरण और वन संबंधी मंजूरी के लंबित मुद्दों की समीक्षा करेंगे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रावत ने राज्य स्तर पर लंबित परियोजना से संबंधित सभी मुद्दों की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करने और उन्हें सुलझाने का आश्वासन दिया जिनमें भूमि अधिग्रहण से जुड़ा मुद्दा भी शामिल है। उन्होंने गडकरी से अनुरोध किया कि वे उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण से राष्ट्रीय राजमार्ग कनेक्टिविटी के लिए राज्य सरकार के एक प्रस्ताव पर विचार करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। गडकरी ने आश्वासन दिया कि उनके कार्यालय में इस प्रस्ताव के प्राप्त होते ही उस पर तेजी से विचार किया जाएगा।
चारधाम परियोजना में यमनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ को आपस में जोड़ने का प्रस्ताव है जो उत्तराखंड राज्य में चारधाम यात्रा की मेजबानी करते हैं। बारहमासी चारधाम सड़क में 826 किलोमीटर की लंबाई वाली सभी 53 परियोजनाओं में 12000 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है।
इस बैठक में केंद्रीय पर्यावरण प्रकाश जावड़ेकर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह और राज्य के पर्यावरण व वन, पीडब्ल्यूडी मंत्रियों ने इस बैठक में भाग लिया। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, पर्यावरण व वन सचिव, महानिदेशक, सड़क (सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय), महानिदेशक (बीआरओ) और दोनों मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ राज्य सरकार के अधिकारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया।