कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-2 (सीएसए से बर्रा-8) के अंतर्गत लगभग 4.10 किमी लंबे रावतपुर-डबल पुलिया अंडरग्राउंड सेक्शन का तेजी से निर्माण हो रहा है। आज उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में उक्त सेक्शन के टनल निर्माण के लिए रिंग सेग्मेंट की ढलाई शुरू हुई। ये रिंग सेग्मेंट मकड़ीखेड़ा स्थित कास्टिंग यार्ड में बनाए जाएंगे जिन्हें टनल निर्माण के लिए प्रयोग किया जाएगा।
आज यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार ने कानपुर मेट्रो के निर्माणाधीन अंडरग्राउंड स्टेशनों का दौरा किया। इस क्रम में चुन्नीगंज स्टेशन का दौरा करने के बाद वे मकड़ीखेड़ा स्थित कास्टिंग यार्ड पहुंचे, जहां उन्होंने मशीन के माध्यम से पहले रिंग सेग्मेंट के निर्माण प्रक्रिया की शुरूआत की। वर्तमान में इस कास्टिंग यार्ड में रिंग सेग्मेंट्स की ढलाई के लिए कुल 5 मोल्ड्स या सांचों की व्यवस्था है जिन्हें आगे बढ़ाकर 6 किया जाएगा। एक दिन के अंदर यहां कुल 10 रिंग सेग्मेंट्स तैयार किए जा सकेंगे।
यहां से तैयार रिंग सेग्मेंट्स को टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम मशीन) से खोदाई के दौरान टनल में भेजा जाएगा। टनल के अंदर टीबीएम मशीन 6 रिंग सेग्मेंट्स या रिंग के भागों को वृत्ताकार जोड़कर लगभग 6 मीटर व्यास का एक रिंग या गोला तैयार करेगी। एक के बाद एक रिंग का निर्माण करते हुए पूरे टनल का निर्माण होगा। इस रिंगनुमा गोल संरचना पर ही मेट्रो ट्रैक बनेगा और मेट्रो ट्रेन गुजरेगी।
कास्टिंग की शुरूआत के बाद प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार ने नयागंज और कानपुर सेंट्रल अंडरग्राउंड स्टेशनों का भी दौरा किया। इस अवसर पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि,‘‘कानपुर मेट्रो टीम की निर्माण कार्यों की गति प्रशंसनीय है। आज हमने कॉरिडोर-2 के अंडरग्राउंड टनल के निर्माण के लिए रिंग सेग्मेंट्स की कास्टिंग भी शुरू कर दी है। कास्टिंग यार्ड में अंडरग्राउंड टनल के लिए प्रयुक्त होने वाले रिंग सेग्मेंट्स को प्री-कास्ट या अलग से तैयार किया जाता है। निर्माण और गुणवत्ता एवं सुरक्षा के मानकों पर परखने के बाद इन्हें अंडरग्राउंड टनल में भेजा जाता है, जहां टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम मशीन) निर्धारित स्थान पर इनका परिनिर्माण (इरेक्शन) करती है। अब तक यूपीएमआरसी की टीम ने प्रॉयरिटी कॉरिडोर के स्टेशनों के निर्माण के दौरान जिस समर्पण और लगन का परिचय दिया है, मुझे पूरा विश्वास है कि आगे भी हम उसी प्रतिबद्धता के साथ भूमिगत सेक्शन के कार्य को भी निर्धारित अवधि के अंदर सुनियोजित ढंग से पूरा करने में सफल होंगे।‘‘
वर्तमान में, लगभग 24 किमी लंबे कॉरिडोर-1 (आईआईटी-नौबस्ता) के अंतर्गत कानपुर मेट्रो की यात्री सेवाएं 9 किमी लंबे प्रॉयरिटी कॉरिडोर (आईआईटी-मोतीझील) पर चल रहीं हैं। चुन्नीगंज-नयागंज और कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्ट नगर भूमिगत सेक्शन के अलावा लगभग 5 किमी लंबे बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन में भी निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। लगभग 8.60 किमी लंबे कॉरिडोर-2 (सीएसए-बर्रा 8) के दोनों सेक्शन का निर्माण कार्य भी जारी है।