हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद फिर एक बार INDI गठबंधन में एकता के सुर दिखने लगे है। आगामी महाराष्ट्र एवं झारखण्ड विधानसभा चुनावों में INDI गठबंधन की मदद के लिए AAP ने चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है। आम आदमी पार्टी फिलहाल दिल्ली चुनावों की तैयारी में पूरा ध्यान देना चाहती है।
सूत्रों के अनुसार, पार्टी इंडिया गंठबंध को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है। हालांकि, संगठनात्मक विस्तार के लिए, महाराष्ट्र आप इकाई चुनाव में जाना चाहती है, लेकिन आप के शीर्ष नेतृत्व से मंजूरी मिलने की संभावना नहीं है।
चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर 11 अक्टूबर को, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने दिल्ली चुनाव के लिए पार्टी मुख्यालय में बूथ तैयारियों के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में पार्टी के राज्य से लेकर बूथ स्तर के पदाधिकारी शामिल हुए। संदीप पाठक ने कार्यकर्ताओं से बातचीत की। उन्होंने कहा, “आप विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है और दिल्ली में पहले से ही मजबूत संगठन को और मजबूत करने तथा राज्य में हर बूथ को मजबूत बनाने की जरूरत पर जोर दिया।”
हरियाणा चुनावों से मिला सबक
इससे पहले, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हरियाणा चुनाव परिणामों से “सबसे बड़ा सबक” यह है कि कभी भी अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए और पार्टी कार्यकर्ताओं से अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया।
8 अक्टूबर को, अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में आप नगर पार्षदों को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव नजदीक आ रहे हैं। चुनावों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। आज के चुनाव से सबसे बड़ा सबक यह है कि कभी भी अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए. हर चुनाव, हर सीट कठिन होती है।”