संभल। यूपी के संभल हिंसा के बाद जांच के दौरान पाकिस्तान और अमेरिका का कनेक्शन सामने आया है। पुलिस को संभल हिंसा प्रभावित क्षेत्र में तलाशी के दौरान पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूस के खोखे मिले हैं। बरामद किए गए कारतूस के खोखे पर ‘मेड इन यूएसए’ और ‘पाकिस्तान’ लिखा मिला। जांच के दौरान फोरेंसिक और एलआईयू की टीमों को घटनास्थल से पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के 9 एमएम के दो कारतूस बरामद हुए हैं। इनमें एक कारतूस मिसफायर मिला है, जबकि दूसरा खोखा बरामद किया गया है।
पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के खोखे
हिंसा वाली जगह पर पहुंची फॉरेंसिक टीम नालियां खंगाली तो सर्च ऑपरेशन में अफसरों की टीम को मौके से PAKISTAN ORDNANCE FACTORY के 9 MM के दो मिसफायर और एक खोखा बरामद हुआ। इसके अलावा 12 बोर 2 दो खोखे और 32 बोर के 2 खोखे भी बरामद किए गए। अभी सर्च ऑपरेशन में अधिकारी लगे हुए हैं।
बता दें कि, स्थानीय कोर्ट के आदेश पर संभल में मुगलकालीन जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए एडवोकेट कमिश्नर के नेतृत्व में एक टीम 24 नवंबर को वहां गई थी। इस बीच मस्जिद के बाहर अचानक हजारों की भीड़ मजहबी नारे लगाते हुए जुटी और पुलिसकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया। नकाबपोश उपद्रवियों ने सरकारी गाड़ियों में आग लगा दी और फायरिंग भी की थी। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
जामा मस्जिद का किया निरीक्षण
न्यायिक आयोग के सदस्यों ने हिंसा प्रभावित जामा मस्जिद का दौरा किया। इस दौरान मुरादाबाद डिवीजन के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह और डीआईजी मुनिराज जी भी आयोग के साथ मौजूद रहे। पुलिस ने निरीक्षण के दौरान कड़ी सुरक्षा का प्रबंध किया। रस्सियों की सहायता से सुरक्षा घेरा बनाया गया, जिसके बीच आयोग के सदस्य चलते रहे।
24 नवंबर को शुरू हुई थी हिंसा की घटना
आयोग ने 24 नवंबर की सुबह जामा मस्जिद के पास हुई हिंसक घटना का मुआयना किया। उस दिन मस्जिद के सर्वे के दौरान नकाबपोश उग्र भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और उनके वाहनों में आगजनी की। जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने आयोग को उस दिन के घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी और बताया कि हिंसा कैसे और किन परिस्थितियों में शुरू हुई।
जांच के दायरे में मुख्य सवाल
गठित न्यायिक आयोग घटना स्थल को लेकर इन पहलुओं पर विशेष जांच करेगी।
- क्या यह घटना अचानक हुई या इसके पीछे कोई साजिश थी?
- पुलिस सुरक्षा प्रबंधों में क्या खामियां थीं?
- हिंसा की परिस्थितियां क्या रहीं और उसके कारण क्या थे?
- आगामी भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने कहा, “न्यायिक समिति अपना काम करेगी और हमें उनकी सहायता करनी है। उनके दौरे के दौरान सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं। संभल की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। जांच समिति के अनुरूप ही हम व्यवस्था करेंगे।”
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने किया न्यायिक जांच आयोग का गठन
संभल की हिंसक घटना ने देशव्यापी स्तर पर चिंता पैदा की। इसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। रविवार को संभल में न्यायिक आयोग की टीम ने हिंसा मामले की जांच पड़ताल के लिए दौरा किया, जहां उसने कोतवाली से पैदल ही दौरा शुरू किया और हिंसा वाले क्षेत्र में पहुंचे। स्थिति की पूरी पड़ताल के बाद जांच आयोग चिंहित कर पूछताछ के लिए नोटिस जारी।
विष्णु शंकर जैन का दावा
इस मामले में अधिवक्ता विष्णु जैन ने बताया, ‘संभल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है। हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर दशावतार में से कल्कि अवतार यहां से होना है। वर्ष 1529 में बाबर ने मंदिर को तोड़ कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित क्षेत्र है। उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता। वहां पर बहुत सारे निशान और संकेत हैं जो हिंदू मंदिर के हैं। इन सारी बातों को ध्यान रखते हुए अदालत ने यह आदेश जारी किया है।’
क्या है पूरा मामला
संभल की शाही जामा मस्जिद का मामला कोर्ट में पहुंच गया था। कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरि महाराज ने 19 नवंबर को दोपहर डेढ़ बजे सिविल कोर्ट में याचिका लगाई। सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की अदालत ने मस्जिद का सर्वे कर वीडियो और फोटोग्राफी कराकर 7 दिन में रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए थे।
अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। उसी दिन शाम 4 बजे आदेश आने के बाद शाम सवा छह बजे सर्वे के लिए टीम जामा मस्जिद पहुंच गई। 2 घंटे चले सर्वे के बाद टीम रात करीब पौने 8 बजे बाहर आई थी।
महंत ऋषि राज गिरि का दावा है कि, शाही जामा मस्जिद श्रीहरिहर मंदिर है। मस्जिद में मंदिर के कई प्रमाण हैं और यहीं पर भगवान विष्णु के दशावतार कल्कि का अवतार होना है। बता दें कि, शाही जामा मस्जिद सदर कोतवाली क्षेत्र के कोट पूर्वी में स्थित है।