राजगढ़(छापीहेड़ा):- 12 अगस्त 2020 को प्रशासन व सोशल डिस्पेंसिंग को ध्यान में रखकर हर वर्ष की तरह बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार माना जाता है की श्री कृष्ण के अवतार का एक बहुत महत्वपूर्ण कारण कंस का वध करना था देवकी जी कंस की बहन थी कंस देवकी जी का विवाह करवा कर महल लौट रहा था तब ही आकाशवाणी हुई की कंस तेरी इस प्रिय बहन के गर्व से जो आठवीं संतान होगी वही तेरी मृत्यु का कारण बनेगी जब कंस ने आकाशवाणी सुनी तो उसने उसकी बहन देवकी जी वाह उनके पति वासुदेव जी को कारागार मैं डाल दिया आठवें बालक यानी कृष्ण जी को देवकी जी ने जन्म दिया तब भगवान विष्णु की माया से सभी ताले टूट गए और भगवान श्री कृष्ण के पिता वासुदेव जी उन्हें मथुरा नंद बाबा के महल में छोड़कर आए वहां एक कन्या ने जन्म लिया था वह कन्या एक माया का अवतार थी वासुदेव जी उस कन्या को लेकर वापस कंस के कारागार आ गए कंस ने उस कन्या को देखा और गोद में लेकर उसे मारने की इच्छा से जमीन पर फेंका कन्या हवा में उछल गई और बोली की कंस तेरा काल यहां से जा चुका है वही तेरा अंत भी करेगा मैं तो केवल माया हूं और ऐसा ही हुआ श्री कृष्ण ने कंस के महल आकर वही उसका अंत किया इसीलिए शास्त्रों में जन्माष्टमी के व्रत को व्रत राज कहा गया है यानी यह व्रत व्रतों में सबसे श्रेष्ठ व्रत माना गया है आज सुबह से ही भक्तजनों व नगर वासियों द्वारा मंदिर को फूलों से सजाया गया नंद गोपाल भगवान को नए वस्त्र पहनाएं गए मोर मुकुट द्वारा श्री कृष्ण भगवान को सजाया गया मंदिर प्रांगण में रंगोलियां बनाई गई हर वर्ष की तरह भक्तजनों द्वारा श्री कृष्ण भगवान के व राधा जी के पात्रों द्वारा भजन आयोजित किया गया आज 12 अगस्त 2020 रात्रि को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया जन्मोत्सव के बाद हर वर्ष की तरह महिलाएं व पुरुष व्रत रखते हैं जन्माष्टमी के इस व्रत को शास्त्र अनुसार व्रतराज कहां गया है रात्रि 12:00 बजे के बाद आरती होती है आरती के बाद प्रसाद वितरण किया जाता है उसके बाद भोजन कर व्रत खोलते हैं
रिपोर्टर:- कमल चौहान